Udaipur News. गोगुंदा पुलिस थाने में युवक की मौत के मामले में शुक्रवार दोपहर भारी हंगामे और आक्रोश के बाद थानाधिकारी अनिल विश्नोई सहित 4 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी। उच्चाधिकारियों से मिले निर्देर्शों के बाद जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शर्मा ने तीनों को निलंबित कर दिया। साथ ही सर्वसमाज की मांगों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को उनकी मांगों का पत्र भेज दिया। इसमें सुरेंद्र के परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने, सरकारी नौकरी पर लगाने सहित कई मांगें शामिल है। पुलिस ने लोगों की नाराजगी को देखते हुए मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने की मांग को भी स्वीकारा। साथ ही पुलिस अधिकारियों और परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाने का भरोसा दिलाया। इससे पूर्व थाने में युवक की मौत के मामले में माहौल को गरमा दिया है। यहां एक युवक को पुलिस ने युवती को भगा ले जाने के मामले में हिरासत में लिया गया था। जिसकी गुरुवार को मौत हो गई। मौत के बाद राजपूत समाज और श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना आक्रोशित होकर विरोध में उतर गई। लोगों का गुस्सा देखते हुए गोगुंदा थाने को छावनी में बदल किया गया। भारी पुलिस के जाब्ते के साथ कलेक्टर तारांचद मीणा और एसपी विकास शर्मा ने खुद मोर्चा संभाला। गौरतलब है कि देवड़ों का खेड़ा निवासी सुरेंद्र (23) पुत्र उदयसिंह राजपूत को गुरुवार पुलिस पकडक़ थाने ले आई थी। शाम को युवक की मौत से एकाएक थाने में हडक़ंप मच गया। दिनभर गोगुंदा में हालात विकट बने रहे।

इस मामले ये हुआ दिनभर

उदयपुर। जिले के गोगुंदा थाने में पुलिस कस्टडी में सुरेंद्र सिंह देवड़ा (22) की मौत का मामला दिनभर गर्माए रहा। तपती धूप में सर्वसमाज, राजूपत समाज और श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के पदाधिकारी अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। थाने के बाहर ही सभी ने डेरा डालकर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने समझाइश का प्रयास किया लेकिन वार्ता विफल रही। करणी सेना के जिलाध्यक्ष जीवन सिंह ने बताया कि सर्वसमाज और राजपूत समाज के लोगों ने मिलकर सुबह से ही थाने का घेराव किया। मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा, परिवार के किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिलाने और पूरे थाने को बर्खास्त करने की मांग की। एसपी विकास शर्मा ने एक बारगी मौखिक आदेश देकर मामला शांत करवाने का प्रयास किया लेकिन आक्रोशित लोग लिखित में देने की मांग पर अड़े रहे। आक्रोशित लोगों के साथ परिजनों ने पुलिस पर बेहरमी से मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया। आक्रोशित लोगों का कहना है कि गुरुवार को मृतक के पिता उदयसिंह देवड़ा (65) पूरे दिन थाने के बाहर बैठे रहे लेकिन उन्हें अपने बेटे से नहीं मिलने दिया। बीती रात पुलिस द्वारा परिजनों को फोन करके बताया गया कि आपका बेटा बहुत सीरियस कंडीशन में है और आप तुरंत एमबी हॉस्पिटल पहुंचें। परिजन जब एमबी हॉस्पिटल पहुंचे तो बेटे को मृत देखकर उनके होश उड़ गए। पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का पता लग पाएगा।


पिता बोले- थाने के पूरे स्टाफ पर कार्रवाई हो, तभी आत्मा को शांति मिलेगी


पिता उदयलाल देवड़ा ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले भी मेरे बेटे सुरेंद्र सिंह को पुलिस ने मारपीट के आरोप में पकड़ा था। फिर उसके साथ थाने में ले जाकर बुरी तरह मारपीट की थी। मेरा जवान बेटा चला गया। अब मेरी आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब थानाधिकारी सहित थाने के सभी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। इधर, परिजन और गांव के लोगों में भारी आक्रोश है। बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंच गए। वे गोगुंदा थानाधिकारी सहित पूरे स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। इधर, माहौल गर्माता देख भारी पुलिस जाब्ता लगाया गया है। मौके पर उदयपुर एएसपी मंजित सिंह सहित आला अधिकारी भी पहुंच गए।