पूर्व विधायक और उनके बेटे ने भरा नामांकन, मावली की चुनावी चासनी में छूटने लगे तार

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पुष्करलाल डाँगी के पुत्र शांतिलाल डाँगी नामांकन दाखिल करते हुए।

ओम पुरोहित की रिपोर्ट

मावली। इस बार पंचायती राज चुनाव फिर विधानसभा चुनाव की तरह की रोचक होता दिखाई दे रहा है। यूं कहे कि रबड़ी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर मावली की चुनावी चासनी में तार छूटने लगे है। पूर्व विधायक पुष्कर डांगी ने कांग्रेस से नामांकन दाखिल करके चुनावी चैसर के रंग बदल दिए। यहीं नहीं इस बार डमी उम्मीदवार के रूप में बेटे का भी नामांकन दाखिल करने से चुनावी सुगबुगाहट तेज हो गई है। बता दें कि इस बार मावली प्रधान सीट जनरल होने की वजह से दोनों ही पार्टी भाजपा और कांग्रेस में प्रधान के कई उम्मीदवार दावेदारी जता रहे थे। कांग्रेस के आलाकमान से पुष्कर डांगी की नजदीकियां होने से ये मानना लगभग तय है कि कांग्रेस से पुष्कर डांगी ही प्रधान के दावेदार होंगे। अब बात यहां आती है कि डांगी को आखिरकार प्रधान की कुर्सी में अचानक क्यों दिलचस्पी नजर आने लगी, इसी वजह को टंटोलने के लिए हमने लोगों के दिल से तार जोड़े तो ये बात सामने आई कि पूर्व विधायक पुष्कर डांगी फिर विधायक के लिए किस्मत आजमाएंगे। अगर उस वक्त उनके पास प्रधान की कुर्सी रही तो चुनावी चैसर में इसी कुर्सी का पाया लगा देंगे जिससे कि विधायक की कुर्सी का स्टेªक्चर मजबूत हो जाए। सरकार कांग्रेस की होने की वजह से भले ही विधायक धर्मनारायण जोशी हो मगर पुष्कर डांगी भी बराबरी की दखल दे रहे है। कर्मचारियों के ट्रांसफर से लेकर हर आयोजन में पुष्कर डांगी की मौजूदगी बता रही है कि वो क्षेत्र में सक्रिय है।

कहा से भरा फाॅर्म, रोचक होगा मुकाबला


कांग्रेस के पूर्व विधायक पुष्करलाल डांगी ने शनिवार को उपखण्ड अधिकारी के समक्ष वार्ड क्रमांक 07 ओबीसी ओपन खेमली से नामांकन दाखिल किया। साथ ही उनके पुत्र शांतिलाल डांगी ने भी डमी उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। पूर्व विधायक पुष्करलाल डांगी के नामांकन दाखिल होने के बाद एक बार फिर मावली पंचायत समिति का चुनाव रोमांचक हो गया। ज्ञात हो कि मावली प्रधान सीट जनरल होने की वजह से भाजपा व कांग्रेस दोनो ही पार्टियां में प्रधान पद के कई दावेदार है। कल भाजपा के सभी प्रत्याक्षियों की लिस्ट जारी हुई इसके बाद कांग्रेस के प्रत्याशियों को भी आलाकमान की ओर से नामांकन दाखिल करने के निर्देश मिले। सोमवार नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है और कल रविवार अवकाश होने की वजह से आज भाजपा व कांग्रेस के कई अन्य प्रत्याक्षियों ने भी नामांकन दाखिल किया।

इससे पूर्व तीन बार लड़ चुके है विधायक का चुनाव


पूर्व विधायक पुष्करलाल डांगी 2008 में वर्तमान विधायक धर्मनारायण जोशी को हराकर विधायक बनकर विधनासभा पहुंचे थे। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने पुनः 2013 में पुष्करलाल डांगी टिकिट दिया, जिसमें भाजपा से दलीचंद डांगी विजयी रहे। 2018 में कांग्रेस पार्टी से एक बार वापस पुष्करलाल डांगी ने टिकिट की मांग की लेकिन पार्टी ने उदयपुर देहात जिलाध्यक्ष पद पर 15 सालों से काबिज लालसिंह झाला को टिकिट थमा दिया। जबकि भाजपा ने धर्मनारायण जोशी को दिया था। लालसिंह झाला ने आनन-फानन में मावली उपखंड अधिकारी के समक्ष कुछ कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन भी दाखिल कर दिया था लेकिन दूसरी तरफ मावली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। इधर, डांगी ने अपने करीबी हार्दिक पटेल (गुजरात) के साथ रातों-रात कांग्रेस के आलाकमान से चर्चा कर लालसिंह झाला का टिकिट कटवा दिया और पुष्करलाल डांगी को थमा दिया। इसके बाद 2008 कि तरह वापस भाजपा की ओर से धर्मानारायण जोशी और कांग्रेस की ओर से पुष्करलाल डांगी का सामना हुआ जिसमें तत्कालीन किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह चूंडावत ने भी भाजपा से टिकिट ना मिलने की वजह से नाराज होकर अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक दी। इसके बाद आलाकमान और मुख्यमंत्री पद की दावेदार वसुंधरा राजे सिंधिया के समझाने और धर्मनारायण जोशी व भाजपा के समस्त कार्यकर्ताओं ने मिलकर कुलदीप सिंह चूंडावत को मनाने में सफलता हासिल कर ली। चुनाव हुए तो कांग्रेस प्रत्याक्षी पुष्करलाल डांगी को हार का सामना करना पड़ा।।

अब हालात बदले बदले से है…


विधानसभा चुनाव के बाद हालात बदल चुके है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मावली विधानसभा से वर्तमान विधायक धर्मानारायण जोशी न्यूटल हो चुके है। मावली में निवासरत नहीं होने की वजह से कार्यकर्ता अपने को ठगा महसूस कर रहे है। जबकि कर्मचारी के ट्रासंफर की डिजायर भी पुष्करलाल डांगी ही कर रहे है और स्थानीय कार्यकर्ताओं के छोटे बड़े काम व आयोजन समारोह में भी स्थानीय होने की वजह से पुष्करलाल डांगी शिरकत कर रहे है। डांगी कार्यकताओं में मजबूत पकड़ बनाकर विधायक की कुर्सी पर आसीन होने का ख्वाब देख रहे है। हालांकि ये तो वक्त की बता पाएंगा की चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है। बरहाल मावली में पंचायती राज चुनाव की जाजम पर सतरंगी कोरे लगनी शुरू हो चुकी है।

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