करवा चौथ का व्रत आज, महिलाओं ने खरीदे मिट्टी के करवे

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राजसमंद। करवा चौथ को लेकर जिला मुख्यालय पर बाजार में पूजन सामग्री की खरिददारी करती महिलाएं एवं मिट्टी के करवे पंसद करती युवती। फोटो-प्रहलाद पालीवाल

बसुहागिनें आज मांगेगी अमर सुहाग की कामना
राजसमंद, चेतना भाट। सदा हुहागिन धापी की न धापी पानी से धापी सुहाग से नही धापी ऐसे ही बोल के साथ विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर मनाया जाने वाला महापर्व करवा चौथ बुधवार को मनाया जाएगा। करवा चौथ का यह महापर्व इस बार अच्छे संयोग के साथ आ रहा है। इस साल करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है तो वहीं शिवयोग, बुधादित्य योग, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सौख्य योग भी बन रहा है। ये सभी योग बहुत ही महत्वपूर्ण हैं और इस दिन की महत्ता को और बढ़ाते हैं। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। करवा चौथ के त्यौहार को लेकर मंगलवार को दिन भर बाजार में खासी चहल-पहल रही। विशेषकर नवविवाहिताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य व सौभाग्य की कामना को लेकर करवा चौथ का व्रत करती है। हांलाकि अब यह व्रत कुंवारी युवतियां भी अच्छे पति मिलने की कामना को लेकर रखने लगी है। जिनकी सगाई हो गई हो वह भी व्रत करने लगी है। करवा चौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती सुहागिन स्त्रियां मनाती हैं। व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब 4 बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है। शहर के अलावा ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियां करवा चौथ का व्रत बड़ी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं। पति की लम्बी उम्र की कामना को लेकर जिले भर में सुहागिनियों द्वारा निर्जला एवं निराहार रहकर रात्रि को चन्द्रोदय के बाद चौथमाता की पूजा अर्चना कर अपने पति का मुख देखकर भोजन ग्रहण करेंगी। महिलाओं द्वारा मिट्टी के करवों की खरीदारी के साथ ही सिंदूर, चूड़ी, छलनी, कंगन सहित सुहाग का सामान, कपड़े आदि की जमकर खरीदारी की।

श्रृंगार व कपड़े की दूकानों पर रही रौनक


करवाचौथ को लेकर सुहागिन महिलाओं ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। इसके तहत पूजन में काम आने वाली सामग्री मिट्टी का करवा तथा अन्य आवश्यक सामग्री की खरीदारी कर ली है। वहीं दान देने की सामग्री भी खरीद ली है। अपने पिया को रिझाने के लिए महिलाएं पर्व के एक दिन पहले ही तैयारी में लग गईं। इसके तहत ब्यूटी पार्लरों में मंगलवार को खूब भीड़ रही। फेशियल कराने के लिए महिलाओं की कतार देखने को मिली। कांकरोली मुख्य चौपाटी व शहर के कपड़े, सौंदर्य प्रसाधनों की दूकानों सहित मिट्टी के करवे बेच रही महिलाओं के पास भी काफी भीड़ रही। इसी के साथ ही पूजन के लिए बेर, काचरी, गन्ना, ग्वार व चवलाफली आदि की भी जमकर खरीदारी की। श्रृंगार के लिए महिलाओं ने सिंदूर, काजल, कंगन, साड़ी आदि की खरीदारी की। तो पत्नियों को खुश करने के लिए पुरूषों ने भी कपड़े, साड़ी, कंगन, आभूषणों सहित उपहार स्वरूप कुछ ना कुछ खरीददारी की।


करवा चौथ का व्रत कथा का मुहूर्त


सविता ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के आचार्य अर्जुनकृष्ण पालीवाल ने बताया कि इस वर्ष बुधवार को करवा चौथ तिथि आने पर करवा चौथ का विशेष महत्व होगा। इस वर्ष पूजन का मुहूर्त सायं प्रदोष वेला में शुभ माना जाएगा। सांय को 5:31 से 7:20 तक रहेगा। तथा सूर्यास्त के बाद 7:29 से 9:04 तक रहेगा। बुधवार को चंद्र उदय साय 8:28 पर होगा। शाम को पूजा स्थान पर देवताओं की स्थापना करके टूटीदार करवे को स्थापित करके पूजन करें। विशेष चंद्रोदय से 1 घंटे पहले पूजन प्रारंभ कर देनी चाहिए। इस व्रत में शिव शिवा स्वामी कार्तिक और चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। इस व्रत को विशेषकर सौभाग्यवती स्त्रियां या इसी वर्ष में विवाह की गई लड़कियां ही करती है। चंद्रमा उदय होने के पश्चात चंद्रमा को अघ्र्य देने के पश्चात भोजन करें। राजसमंद में ज्योतिष के अनुसार चंद्रोदय 8 बजकर 28 मिनट पर होगा।


चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना गया है


पति कि लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से पहले शुरू हो जाता है और चांद निकलने के बाद खत्म होता है। सुहागिन महिलाएं चांद को अघ्र्य देने के बाद छलनी में दीपक रख कर चंद्रमा की पूजा करती है और फिर इसी छलनी से पति को देखती हैं। इसके बाद पति के हाथों पानी पीकर अपना दिनभर का निर्जला व्रत खोलती हैं। सात बार पानी पीते समय बोला जाथा है की धापी न धापी। इस पर महिला जबाव में बोलती है मै पानी से धापी सुहाग से नहीं धापी और फिर शाम के समय चंद्र उदय से एक घंटा पहले पूरे शिव परिवार की पूजा का विधान है। पूजन के समय व्रत रखने वाली महिलाओं को पूर्व दिशा की और मुख करके बैठना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी रिश्ते की डोर को और अधिक मजबूती प्रदान करता है और चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना गया है और इनकी पूजा से शादीशुदा जिंदगी खुशहाल बनती है और पति की आयु भी लंबी होती है।

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