स्वरोजगार अपनाकर स्वावलंबी बनें महिलाएं : मेघवाल

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दिवसीय सिलाई एवं कढ़ाई प्रशिक्षण का समापन अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों द्वारा तैयार की गई पोशाक का अवलोकन करते उप निदेशक शांता मेघवाल एवं अध्यक्ष डॉ. पीसी रेगर।

राजसमंद, चेतना भाट। कृषि विज्ञान केन्द्र एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय द्वारा प्रायोजित अनुसूचित जाति उप योजना अन्तर्गत 15 दिवसीय सिलाई एवं कढ़ाई प्रशिक्षण का समापन गुरुवार को केन्द्र वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. पीसी रेगर की अध्यक्षता में केन्द्र के सभागार में समारोह पूर्वक हुआ। डॉ. रेगर ने बताया कि प्रशिक्षण में पासून, गजपुर, कोठारिया, मोही, थोरिया गुड़ा, अरणिया, दिवेर, खमनोर, मझेरा, फरारा, घाटी, बोरज, बामनटुकड़ा आदि गांवों से कुल 30 अनुसूचित जाति की महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास विभाग उप निदेशक शांता मेघवाल ने सभी प्रतिभागी महिलाओं से अपने जीवन में स्वरोजगार को अपनाकर स्वावलम्बी बनने तथा महिला सशक्तिकरण को बढ़वा देने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने बताया कि दूर दराज के गांवों में महिलाएं घरेलू कार्य एवं खेतीबाड़ी के साथ-साथ सिलाई, कढ़ाई, खाद्य प्रसंस्करण, सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय अर्जित कर अपना सामाजिक एवं आर्थिक स्तर बढ़ा सकती है। इस दौरान मृदा वैज्ञानिक डॉ. मनीराम ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए वर्मी कम्पोस्ट एवं जैविक खेती के के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर केन्द्र के समस्त अधिकारी, कर्मचारी व प्रशिक्षर्णी महिलाएं उपस्थित थी।

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