वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से जिला स्तरीय अधिकारियों को दी जानकारी
राजसमंद, चेतना भाट। राज्य में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु के कारणों में से निमोनिया एक प्रमुख कारण है निमोनिया से शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए प्रदेशभर में सोशल एवेयरनेस एवं एक्शन टू न्यूटेऊलाईज सक्सेसफूली एट कम्यूनिटी लेवल (सांस) कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है। यह जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक आरसीएच डॉ लक्ष्मणसिंह ओला ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 18 लाख 26 हजार बच्चे प्रतिवर्ष निमोनिया से संक्रमित हो जाते है जिनमें से 9 हजार 200 बच्चो की निमोनिया के कारण मृत्यु हो जाती है तथा प्रतिदिन लगभग 25 बच्चे की निमोनिया के कारण मृत्यु हो जाती है। निमोनिया से बच्चो की सुरक्षा के लिए पहले 6 माह में शिशु को केवल करवाने, 6 माह बाद पूरक पोषाहार देने तथा विटामिन ए की खुराक देने, निमोनिया से बचाव के लिए बच्चो का टीकाकरण करवाने, साबुन से हाथ धुलवाने तथा घरेलू स्तर पर प्रदूषण को कम करके किया जा सकता है वही उपचार के लिए एंटीबायोटिक दवाईयो द्वारा ईलाज को बढाना है। कॉन्फ्रेन्स में जिले से एसीएमएचओ डॉ पंकज गौड़, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष दाधीच, जिला आशा समन्वयक हरिशंकर शर्मा, जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली ने भाग लिया।

कार्यक्रम के तहत हर स्तर पर होगा प्रशिक्षण

परियोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डॉ गुणमाला जैन ने बताया की निमोनिया फेफड़ो में होने वाला संक्रमण है जिसमें फेफड़ो की कोशिकांए मवाद से भर जाती है एवं ठोस हो जाती है। निमोनिया के लक्षण बच्चों में बुखार, खांसी व सांस लेने में परेशानी है। सांस कार्यक्रम के माध्यम से निमोनिया से पीडि़त 5 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण उपचार व देखभाल सुनिश्चित करना, निमोनिया से बचाव, रोकथाम और उपचार के लिए समुदाय में जागरूकता पैदा करना तथा चिकित्सा संस्थानो पर रोग के उपचार के लिए प्रबंधन को मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत प्रत्येक स्तर के अधिकारी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा, वहीं व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा तथा स्वास्थ्य केन्द्रो पर उपचार के लिए उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। जिलें में कार्यक्रम के नोडल अधिकारी जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी रहेंगे जो नियमित कार्यक्रम की समीक्षा करेंगे तथा दिशा निर्देश देंगे। विडियो कॉन्फे्रन्स में परिवार कल्याण कार्यक्रम की भी समीक्षा की तथा योग्य दम्पत्तियो से सम्पर्क कर उन्हें परिवार नियोजन के लिए प्रेरीत करने के लिए निर्देशित किया गया।