नाथद्वारा से दरियाव सिंह

नाथद्वारा। नाथद्वारा नगर के मॉडल बस स्टैंड पर पिछले तीन महीने से बेसुध घूम रही हेमा बागरी का आखिरकार परिजनों से मिलना हो ही गया। मानसिक रूप से तनाव में चल रही हेमा तीन माह पूर्व भटकते हुए नाथद्वारा पहुंची थी। तभी से हेमा ने मॉडर्न बस स्टैंड को ही अपना घर बना लिया था। एएसआई रविंद्र सिंह ने हेमा को देखा और पूछताछ की जिसमें हेमा ने अपने गांव एवं परिजनों के आधे अधूरे नाम बताए। इस पर एएसआई रविंद्र सिंह ने प्रयास करते हुए आखिरकार तीन दिनों में उसके परिजनों का पता लगा ही लिया। उनसे संपर्क कर उन्हें उनकी बेटी के बारे में बताया। मूल रूप से देवरिया मंदसौर जिले की रहने वाली हेमा को परिवार के लोग कल देर रात्रि नाथद्वारा लेने पहुंचे, जहां पिता और मां को देखकर हेमा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हेमा के पिता ने बताया कि हेमा के पति की एक हादसे में मौत के बाद वो मानसिक रूप से तनाव में चल रही थी। तीन माह पहले घर से निकल गई जिसकी तलाश उन्होंने आस-पास के गांव में की। वो प्रतिदिन हेमा को ढूंढने निकलते इसी बीच उन्हें नाथद्वारा थाने से फोन आया कि उनकी बेटी यहां है और वह इसे लेने यहां आ पहुंचे। बेटी को सही सलामत पाकर परिवार ने भी राहत की सांस ली और नाथद्वारा थाना पुलिस को धन्यवाद दिया। पुलिस ने कागजी कार्रवाई करते हुए हेमा को परिजनों के सुपुर्द किया।