5.8 डिग्री की गिरावट के साथ 1.2 डिग्री पहुंचा तापमान
अगले दो दिनों में शीत लहर के साथ ठंड बढऩे के आसार
राजसमंद, चेतना भाट। पश्चिमी विक्षोभ के असर के चलते पिछले तीन दिनों की राहत के बाद फिर से ठंड ने अपने तेवर दिखाने प्रारंभ कर दिए। जबकि पिछले दो दिनों से दिन के तापमान की स्थिरता के साथ ही रात के तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। लेकिन सोमवार को 5.8 डिग्री की गिरावट के साथ न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम तापमान 3.4 डिग्री की गिरावट के साथ 23.3 दर्ज किया गया। वहीं रविवार का अधिकतम तापमान 26.7 एवं न्यूनतम तापमान 7 डिग्री दर्ज किया गया। सोमवार को यकायक फिर से तापमान में गिरावट होने एवं शीत लहर चलने से दिन में भी ठंड का अहसास बना रहा। शीत लहर के कारण दिन में धुप भी बेअसर रही। जबकि पिछले तीन दिनों से तापमान में बढ़ोत्तरी होने से धुप से काफी राहत मिली। प्रात: सूर्योदय के साथ ही आसमां में कोहरा छाया रहा। दिन चढऩे के साथ ही कोहरा कम पड़ गया लेकिन मौसम साफ होने के बाद भी शीत लहर चलने से ठंड का एहसास बना रहा। शाम होते होते ठंड का असर और तेज हो गया जिससे हाथों-पैरों की अंगूलियांं गलने लग गई। ईधर, मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड में अगले एक दो दिन में फिर से बर्फ बारी प्रारंभ होने के साथ ही अन्य राज्यों के साथ ही राजस्थान में भी ठंड का असर तेज होने के आसार जताए है। जिसमें आगामी एक जनवरी तक ठंड तेज होने के साथ ही तापमान में भी काफी गिरावट होने व शीत लहर चलते के आसार है।

पाला गिरने से फसलों का खराबा

तापमान में उतार चढ़ाव होने से ठंड के असर में भी काफी परिवर्तन आ रहे है। कभी ठंड तेज को कभी हल्की राहत है। लेकिन रात्रि के समय अत्यधिक ठंड से पाला गिरने के कारण खेतों में कई फसलों का खराबा हो रहा है। ठंड के कारण पाला गिरने से फसलों में दाह लग गया। हालांकि जानकारों के अनुसार ठंड रबी की फसलों के फायदेमंद रहती है। इसमें गेहूं की फसल को काफी फायदा मिलता है। ठंड के चलते फसलों पर ओस की बूंदे गिरने से खेतों पर पानी की पिलाई कम करनी पड़ती है। लेकिन यह फायदा सभी फसलों को नहीं मिलता। समीपवर्ती नाकली गांव के राधेश्याम कीर ने अपने खेत में सिया की फसल बुवाई कर रखी है। लेकिन ठंड में पाला गिरने से फसल में दाह लग गया जिससे सिया के पौधे की पत्तियां मुरझा गई। उन्होंने ने बताया कि सिया स्वास्थ्य के लिए एक अत्यधिक गुणकारी औषधी के समान है। लेकिन ठंड के कारण पाला गिरने से कफी फसल खराब हो गई है।