योगेश सुखवाल

उदयपुर। 12 अप्रैल मुंबई 2010 का टाइम था। इस दौर में एक बंदा उदयपुर में वाइन शॉप पर बतौर सेल्समैन कार्यरत था। लेकिन इस सेल्समैन को गाने सुनना और फिर गाने लिखने की लत पड़ गई। घर वालों को बोला की मुझे ये नौकरी रास नहीं आ रही है। घर वालों की माली हालत ठीक नहीं होने के बावजूद सभी ने इसकी खुशी के लिए हामी भर दी। किसानी पिता वक्त की चेनी पर संघर्षों का प्रहार कर रहे थे तो बेटा उसी संघर्षों को हथोड़ा बनाकर निकल पड़ा मायानगरी। वहां जाने से पहले उसने ये सोच लिया कि या तो मुंबई में मेवाड़ का झंडा गाड़कर ही आऊंगा या फिर दरिया में डूबकर मर जाएंगे। धीरे-धीरे वक्त ने करवट ली और हालातों ने सीसते लहू पर मलम लगाई। फिर एक गाना आया तू ही हे। इस गाने ने उस एक जूनूनी युवा को प्लेटफॉर्म दिया और गाना हिट हो गया। तब से ये बंदा पूरे बॉलीवुड में गाने लिख लिखकर धूम मचा रहा है। इस बंदे का हाल ही में जी म्यूजिक पर एक गाना लॉन्च हुआ है। इसी मौके पर हम मिलवाने जा रहे है लाडो सुवालका से। तो चलिए मेरे साथ मिलते है लाडो से

मुंबई में होटल की जॉब की


लाडो मेवाड़ की प्रतिभा है। इनका गांव चित्तौड़गढ़ जिले में है। गंगरार के पास सूरजनियास नाम का एक छोटा गांव है। पिता किसान है और माता गृहिणी। लाडो का जीवन काफी संघर्षों से गुजरा। शुरुआत में मुंबई गए और होटल में छोटी-मोटी नौकरी की। एक दिन किस्मत ने करवट ली और एक गिटार गाना गाते पर नजर पड़ी। मामूली परिचय के बाद दोस्ती प्रगाढ़ हो गई और फिर चल पड़ा कारवां। महेश भट्ट से मिलने के बाद उनको जीवन में पहला टर्न मिला। लाडो कहते है कि महेश भट्ट से मिलने पर उन्होंने बहुत हिम्मत दी। उनको कुछ बुक महेश भट्ट ने भेंट की और कहा इनको पढ़ो। इसके बाद एक दिन जी म्यूजिक में गाने लिखने का ऑफर मिला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लाडो कहते है कि उनके लिखे करीब 100 गानों में से जी ने 15 गाने सलेक्ट किए और ऑफर साइन हुआ।


बोल चुडिया आने वाली मूवी, इसमें लिखे गाने


लाडो सुवालका मुस्कुराकर कहते है आने वाली कई मूवी में मैं गाने लिख रहा हूं और लिखने का ऑफर मिला है। नवाजुद्दीन, संजय मिश्रा, सनी लियोनी की आने वाली मूवी के लिए उन्होंने गाने लिखे है। लाडो सुवालका का हाल ही मैं उन्हीं लम्हों गाना रिलीज हुआ है। ये गीत जी म्यूजिक ने जारी किया है जिसको खूब प्रशंसा मिल रही है। इसके अलावा उन्होंने हाफ गर्लफ्रेंड के गीत तू ही है, खुदा करें, ऐ जिंदगी, दिल की रूबाई, आदत नहीं तुम बिन आदि कई गाने लिखे है।

भीलवाड़ा आता था फिल्म देखने, फिर गीतों की बनाता पैरोडियां

 चित्तौड़गढ़जिले के सूरजनियास के लाडो सुवालका का लिखा गीत ‘तू ही है…’ आज हर किसी की जुबान पर है। ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ के इस गाने के लेखक लाडो बताते हैं कि फिल्मों की लत भीलवाड़ा से ही लगी थी। तब प्रताप, महाराणा और मिलन टॉकीज में फिल्म देखने का शौक ऐसा लगा कि पढ़ाई छूट गई और बतौर गीतकार बॉलीवुड पहुंच गए। वे बताते है, आजाद नगर निवासी भंवर और मौसी चांदी सुवालका के यहां छुटिट्यों में आता था। सूरजनियास आसपास के क्षेत्र में टॉकीज नहीं था। फिल्म देखना और फिर उसके गानों की तर्ज पर कविताएं बनाना शौक बन चुका था। हाल यह था कि साड़ास स्कूल से बंक मारकर भीलवाड़ा फिल्म देखने जाता था। मुंबई गया तो राह आसान नहीं रही। एक महीने के इंतजार के बाद निर्माता महेश भट्ट से मिल सका। भट्ट साहब ने लाडो को कुछ किताबें दीं ताकि उन्हें पढ़कर गीत लिखने का टैलेंट निखर सके। इस बीच गुजारा चलाने के लिए होटल में काम किया। वहां पगार के साथ ही रहने की जगह मिल जाती। इस तरह तीन साल निकल गए। एक बार फिर निर्माता महेश भट्ट से मिला। उन्होंने भांजे फिल्म निर्माता मोहित सूरी से मिलने को कहा। दोस्त और कंपोजर राहुल मिश्रा के साथ जाकर मैं सूरी से मिला। उन्हें ‘तू ही है…’ गाना सुनाया तो वे खुश हो गए और किसी फिल्म में इसे लेने के लिए कह दिया। ‘एक विलेन’ और ’हमारी अधूरी कहानी’ बनाने के दौरान भी इस गीत पर विचार किया। गाने की परिस्थितियां नहीं बैठने के कारण उनमें इस गीत का उपयोग नहीं हो सका। आखिर दस साल के संघर्ष के बाद बॉलीवुड में गीत लिखने का सपना पूरा हो सका

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