• कबूतर खाना व कुंआ ध्वस्त कर बनाई जा रही दुकानें
    – ग्रामीणों ने जताया विरोध, जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
    राजसमंद, चेतना भाट। चारभुजा तहसील के साथिया ग्राम पंचायत में करीब 20 वर्ष पूर्व एक महिला द्वारा कबूतर खाना के लिए दान की गई जमीन को साथिया के पूर्व सरपंच ने बेच डाली। जिस पर वर्तमान में दूकानों का निर्माण कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि साथिया ग्राम में करीब 20 वर्ष पहले एक महिला ज्योति पत्नी रामदयाल जैन ने स्वयं की कोई संतान नहीं होने के कारण पति की मृत्यु के बाद अपने खाते में दर्ज सारी जमीन कबूतरों के दान कर दी। यह जमीन अभी भी तहसील रिकॉर्ड में खसरा नम्बर बर 836, 621, 822, 1235, 1138, 1160, 1161, 1162 एवं 1363 कबूतरों के नाम खाते में दर्ज है। महिला द्वारा जमीन खाते करवाने के बाद उसके खेतों से अनाज आएगा वो कबूतरों व पशु-पक्षियों के लिए होगा तथा इसका उपयोग मुक जानवर ही कर सकेंगे। जमीन खाते करवाते समय जैन समुदाय के तीन व्यक्तियों की समिति बनाई तथा उनको सार संभाल का जिम्मा दिया था। जिसमें एक पूर्व सरपंच रतनलाल सिंघवी भी शामिल था। महिला की मृत्यु के बाद 10 वर्ष बाद पूर्व सरपंच सिंघवी ने कबूतर खान की दर्ज सारी जमीन का स्टाम्प बनाकर साथिया के पूर्व सरपंच भैरूसिंह पिता हेमसिंह राणा दसाणा को बेच दी। पिछले दस वर्षों से भैरूसिंह इस भूमि का उपयोग कर रहा है जबकि मुक पक्षी दाने-दाने को तरस रहे है। इतना ही नहीं साथिया बस स्टेण्ड पर वर्षों पहले पक्षियों के लिए बनाया गया कबूतर खाना व कुंआ भी ध्वस्त कर अवैध रूप से दूकानों का निर्माण तक करवाया जा रहा है। कब्जे में ली गई इस जमीन को मुक्त करवाने तथा कबूतरों के लिए ही इस जमीन का उपयोग किए जाने को लेकर मोहनलाल शर्मा के नेतृत्व में गठित की गई 10 व्यक्तियों की समिति ने जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल से मुलाकात कर भूमि का पुन: आबाद मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
    इनका कहना…
    रिकॉर्ड में उक्त जमीन कबूतर खाने के नाम दर्ज है। उक्त व्यक्ति अपने नाम रजिस्ट्री कराने के लिए तहसील के चक्कर काटे मगर यह संभव नहीं है। समिति के सदस्य न्यायालय में जाकर ही जमीन से हटवाने की कार्रवाई करें।
  • सचिन प्रजापति, पटवारी साथिया
    कबूतर खाना व कुंए को ध्वस्त कर पूर्व सरपंच भैरूसिंह दसाणा ने समतल कर दिया तथा दुकानें बनाने की तैयारी चल रही है। खातेदारी जमीन पर पंचायत कार्रवाई नहीं कर सकती है। इसलिए न्यायालय में जाकर ही जमीन को मुक्त कराएंगे।
  • भैरूलाल शर्मा, सरपंच पति साथिया

    सेवा निवृत विद्युत कर्मचारियों को शीघ्र सातवें वेतन लाभ दें: माहेश्वरी
  • राजसमंद, चेतना भाट। विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि सेवा निवृत विद्युत कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं देकर राज्य सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है। अन्य संवर्गों के सभी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ वर्ष 2018 में ही तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने दे दिया था। कुछ तकनीकी कमियों के कारण उस समय विद्युत कर्मियों की संशोधित पेंशन पर निर्णय नहीं हो पाया था। उन्होंने कहा कि सेवा निवृत विद्युत कर्मियों को पेंशन में सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की पत्रावली वित्त विभाग में 2 वर्ष से लम्बित पड़ी है। मुख्यमंत्री स्वयं वित्त विभाग का कार्य देख रहे है। उन्हें सभी तकनीकी बाधाओं को दूर कर इन पत्रावलियों पर शीघ्र निर्णय लेना चाहिए। विद्युत कर्मियों एवं अन्य वंचित सभी सेवा निवृत कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ राज्य सरकार अविलम्ब दें।

आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर एसपी को सौंपा परिवाद


राजसमंद, चेतना भाट। चारभुजा थाना क्षेत्र के करेड़ों का गुडा निवासी विवाहिता ने दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार करने एवं स्वयं के साथ अपने पति को जाने से मारने की एलानियां धमकिया देने वाले लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की मांग को लेकर एसपी को परिवाद प्रस्तुत किया। गौरतलब है कि पिडि़ता ने चारभुजा थाने में सोहनसिंह पिता मोडसिंह दसाणा राजपूत के खिलाफ 13 दिन पूर्व चारभुजा थाने में धारा 376, 420 एवं 406 के तहत मामला दर्ज कराया। आरोपी अपने साथियों के साथ धारदार हथियारों से लैस होकर सोमवार शाम को पिडि़ता के घर पर पहुंचे और आरोपी के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदम को वापस लेने के लिए एलानिया धमकी दी। यहीं नहीं आरोपी ने मुकदमा वापस नहीं लेने पर पिडि़ता व उसके पति को जान से मारने के की तक धमकी दे डाली। चारभुजा थाने में मामला दर्ज होने के 13 दिन के बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। जिसको लेकर पिडि़ता ने मंगलवार को जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर परिवाद सौंपा। पिडि़ता ने परिवाद में दुष्कर्म के आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने एवं घर पर आकर एलानियां धमकिया देने वाले आरोपी के साथियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की गई।