-वार्षिक सत्यापन कार्य के लिए वसूल रहे है 100-150 रूपए
राजसमंद, चेतना भाट। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अन्तर्गत विभिन्न सरकारी पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों के जीवित प्रमाण पत्र के अपडेशन के लिए ई-मित्र सेवा केन्द्रों पर निर्धारित से दुगुनी तक अधिक राशि वसूली जा रही है और इस तरह पेंशनधारी सरेआम ठगे जा रहे है जिस पर किसी तरह का सरकारी नियंत्रण नहीं है। राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के जिला संयोजक एसएल भाटी ने बताया कि विभागीय निर्देशानुसार सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग, परित्यक्ता सहित अन्य श्रेणियों के पेशनधारियों को अपने जीवित होने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना है अर्थात इसका वार्षिक सत्यापना कराना है। इसके अभाव में पेंशन रोकने का नियम है। पेंशनधारियों को यह सत्यापन ऑनलाइन कराना है तथा यह कार्य ई-मित्र सेवा केन्द्रों पर कराया जाना तय है। इसके तहत वर्तमान में सम्पूर्ण जिले में पेंशनधारी अपने जीवित प्रमाण के सत्यापना के लिए अपने आसपास संचालित ई-मित्र सेवा केन्द्रों पर अपडेट करा रहे है लेकिन ई-मित्र केन्द्रों पर इन पेंशनरों से मनमानी राशि वसूली जा रही है। भाटी ने बताया सरकार ने ई-मित्र केन्द्रों पर पेंशनरों के वार्षिक सत्यापन कार्य के लिए 50 रूपए शुल्क निर्धारित किया हुआ है लेकिन वास्तविकता यह है कि जिले भर में तकरीबन सभी ई-मित्र केन्द्रों पर 50 रूपए की बजाय आम तौर पर पेंशनरों से 100 रूपए वसूले जा रहे है जबकि कई जगहों पर मनमानी की हदें पार करते हुए जबरन 150 रूपए तक लिए जा रहे है। ग्रामीण अंचल में अपने नजदीक एक मात्र ई-मित्र केन्द्र होने एवं वृद्धावस्था एवं अन्य प्रकार से असहाय होने के कारण ये पेंशनधारी अपने घर से दूर नहीं जा सकते है और अपने सत्यापन कार्य के लिए दुगुनी व इससे अधिक राशि देने पर मजबूर हो रहे है। खास बात यह है कि सरकारी मदद के तौर पर मिलने वाली इस मामूली पेंशन राशि से अपना काम चलाने वाले ऐसे लोगों से अधिक राशि वसूला जाना चिंताजनक है।