The Udaipur Updates. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में रूसा 2.0 के अंतर्गत मापन पैमाने और परीक्षण निर्माण पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 19-20 नवंबर को किया गया। दिनांक 19 नवंबर को कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथी प्रो. विजय लक्ष्मी चौहान, पुर्व विभागाध्यक्ष , सामाजिक विज्ञान और मानविकी महाविद्यालय , मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय और प्रो सी आर सुथार ,डीन सामाजिक विज्ञान और मानविकी महाविद्यालय , मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर रहे । प्रो विजय लक्ष्मी चौहान ने अपने संबोधन में बताया की किस प्रकार हम मनोविज्ञान को समझते है और किस तरह व्यवहार को वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाता है साथ ही उन्होंने सीखने को एक निरंतर प्रक्रिया बताया। प्रो. सुथार ने बताया की व्यहार को अनुमानित करना कितना जटिल है और परीक्षण निर्माण की प्रकिया को सीख कर अच्छे परीक्षण निर्माण के लिए अभिप्रेरित किया। माननीय अतिथी प्रो. नीरज शर्मा,( डीन स्नातकोत्तर, मनोविज्ञान विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय) ने बताया की किस तरह भरतिया परम्परा ने भारत को विशव गुरु बनाया है और मनोविज्ञान को मन के अध्ययन का विषय बताते हुए सकारात्मक दिशा में संकल्पित रखने का अनुरोध किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो राधेश्याम पूर्व प्रो मनोविज्ञान विभाग महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक ने मापन की अवशकता व मापन के पक्षपातो से रहित रखने से अवगत कराया । मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. कल्पना जैन ने सभी अतिथियों का स्वागत कर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की आयोजक सचिव डॉ. हेमा कुमारी महर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय मनोविज्ञान के कुलपति प्रो. आई वी त्रिवेदी एवं रविन्द्रनाथ टैगोर चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो लाखन पोस्वाल के बिच करार हुआ, जिसके तहत दोनो विध्याल्य के मनोविज्ञान विभाग आपस मे सहयोग कर कार्य करेंगे। सह संयोजक डॉ. तरुण शर्मा, डॉ. वर्षा शर्मा, डॉ. रश्मि सिंह, डॉ. रमेश कुमार बागड़ी, सहित 100 के करीब प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर प्रो राधे श्याम ने परीक्षण मापन की विधियां, परीक्षण निर्माण के चरण बताए। परीक्षण एकांश का चयन कैसे करें, क्या सावधानियां बरतें और साथ ही साथ स्वयं द्वारा निर्मित परीक्षण से सभी को प्रेक्टिकली समझाया।