हल्दीघाटी युद्धतिथि पर 501 दीप प्रज्वलित कर किया शहीदों को नमन

हल्दीघाटी युद्धतिथि पर खमनोर स्थित रक्ततलाई में प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर दीपांजलि अर्पित करते प्रतापपे्रमी।


राजसमंद, चेतना भाट। महाराणा प्रताप व अकबर के मध्य 18 जून 1576 को हल्दीघाटी का युद्व दर्रे से खमनोर के रक्ततलाई सहित बनास किनारे हुआ था। शुक्रवार को 445 वीं हल्दीघाटी युद्धतिथि पर पर्यटन समिति एवं प्रेस क्लब द्वारा आमजन के सहयोग से प्रतिवर्ष की भांति शहीदों की स्मृति में 501 दीपक प्रज्वलित करते हुए दीपांजलि का आयोजन रखा गया। रक्ततलाई स्थित तंवरो की छतरियों पर खमनोर प्रधान भेरूलाल वीरवाल द्वारा प्रताप व उनके सहयोगियों की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर दीपांजलि की शुरुआत की। सभी ने शहीदों को दीपक की रोशनी में याद करते हुए संगोष्ठी में हल्दीघाटी युद्व व युद्धस्थल विकास पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रधान वीरवाल ने क्षेत्र के विकास को दोहराया व रक्ततलाई में पुराने बंद स्कूल के खुले परिसर में स्वास्थ्य लाभ हेतु जिम एवं भवन में युद्धस्थल से जुड़ी प्रदर्शनी लगा विकास कराने की घोषणा की गई। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने जिला पदाधिकारियों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए महाराणा प्रताप से जुड़ा मेवाडी गीत मारा मेवाड़ी सरदार सुनता ही जाजो जी प्रस्तुत किया गया। पर्यटन समिति व प्रेस क्लब संस्थापक कमल मानव द्वारा महाराणा प्रताप के नाम पर राजनीति को बढ़ावा न देते हुए धरातल पर जीवन में महाराणा प्रताप के मानवतावादी सिद्धान्तों को लागू कर उनके जीवन से जुड़े स्थलों के विकास कराने की बात कही। हल्दीघाटी पर्यटन समिति अध्यक्ष राकेश पालीवाल ने बताया कि वर्तमान में महाराणा प्रताप के आर्दशों पर चलने की जरूरत है। ऐतिहासिक स्थलों में जैसे हल्दीघाटी मूलदर्रा, राष्ट्रीय स्मारक, रक्ततलाई पर धरातल पर समुचित विकास नही हो पाया है, इसके विकास में सभी को एकजुट हो प्रयास करना होगा। इस दौरान पूर्व सरपंच शांतिलाल कागरेचा, मीठालाल शर्मा, नरपत, उदयलाल लोहार, किशन कटारा, एडवोकेट संजय मांडोत, एडवोकेट संदीप मांडोत, एडवोकेट भावेश सनाढय, राजेंद्र माली, अजय माली, रोहित कुमावत, मनीष पंवार, शिव सिंह, महेंद्र सिंह चूंडावत, ब्रह्मशक्ति नवयुवक मंडल अध्यक्ष दीपक पालीवाल, मंडल अध्यक्ष संदीप श्रीमाली, प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पालीवाल, प्रकाश भील, देवीलाल सोनी, गोपाल पूरी गोस्वामी, रविन्द्र पालीवाल, लोकेश पालीवाल, चेतन दूरिया, घनश्याम सेन आदि उपस्थित थे।

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