राजसमंद, चेतना भाट। जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर की पहल पर जिला पुलिस द्वारा शुरू किए गए नशा मुक्ति महा अभियान के तहत नशावृति की रोकथाम विषय पर जागरूकता को लेकर किशोर गृह में निवासरत बच्चों द्वारा नशामुक्ती को लेकर पोस्टर बनाए गए। एसपी सुधीर चौधरी व एएसपी राजेश गुप्ता ने बच्चों द्वारा नवाचार के तहत बनाए गए पोस्टर का अवलोकन किया। पोस्टर विमेाचन से पूर्व एसपी जिले के देखरेख संस्थानों एवं किशोर गृह में निवासरत बालकों द्वारा बनाए गए पोस्टर्स का अवलोकन किया तथा बालकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होने बताया कि जिला पुलिस द्वारा संचालित किए जा रहे ऑपरेशन प्रताप के दौरान किशोर वर्ग और बालकों में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता के लिए प्रतियोंगिताओं का आयोजन किया गया था। उन्होने आमजन से अपील की कि किसी भी बालक को किसी भी प्रकार के नषे के उपयोग, परिवहन या विक्रय में सम्मिलित नहीं करें और ऐसा पाए जाने पर किशोर न्याय अधिनियम के अन्र्तगत सख्त कार्यवाही के प्रावधान है। जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर ने बताया कि जिले के नशा मुक्ति महा अभियान चलाया जा हरा है। जिससे राजसमंद संपूर्ण नशा मुक्त जिला बनकर गौरवान्वित हो एक आदर्श जिले के रूप में नाम स्थापित कर नशे की वृत्ति के खिलाफ जंग लड़ कर व्यक्ति, समाज, एवं परिवार सुरक्षित रहते हुए अपने जीवन को बर्बाद होने से बचा सकेंगे।

किशोर वर्ग में नषे के दुष्प्रभावों पर जागरूकता आवश्यक . एसपी
पोस्टर यूनिसेफ के सहयोग से संचालित काम्बेट कार्यक्रम अन्र्तगत जागरूकता के लिए विकसित किया गया है। बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत ने बताया कि यूनिसेफ द्वारा बाल संरक्षण के लिए प्रचार समााग्री का विकास किया जाता है, किषोर वर्ग के नषावृति एक समस्या है जिसके प्रति पूर्व में ही जागरूकता अतिआवष्यक है। कार्यक्रम अन्र्तगत जागरूकता हेतु आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेने वाले आसरा विकास संस्थान के बालकों को एसपी द्वारा पारितोषिक वितरित किए गए। बालिकाओं ने पुलिस अधिकारियों से संवाद करते हुए अध्ययन एवं सुरक्षा संबंधित विषयों पर जानकारी प्राप्त की। प्रतियोगिता में जिले के सभी गृहों में निवासरत लगभग 25 बालकों ने भाग लिया था। इसके अलावा पुलिस एवं युनिसेफ द्वारा कम्युनिटी पुलिसिंग अवेयरनेस एण्ड ट्रस्ट कार्यक्रम के तहत छोटे बच्चों को अपराधिक गतिविधियों सहित बालक को किसी भी प्रकार का नशीला पदार्थ, शराब, तम्बाकू या अन्य नशेली वस्तु बेचना या परिवहन कराना धारा 77 व 78 किशार न्याय (बालकों की देखरेख एवं सरंक्षण) अधिनियम 2015 के तहत कानूनन दण्डनीय अपराध है। उसमें छोटे बच्चों को शामिल करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही लूट, हत्या सहित अन्य संगीन अपराधों में नाबालिक बच्चों का उपयोग करने वाले आरोपियों के खिलाफ भी कठोर कार्यवाही कर उन्हे सख्त सजा देने का प्रावधान उसको लेकर पुलिस एवं युनिसेफ के तत्वाधान में चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के तहत पोस्टर का विमोचन हुआ। इस अवसर पर एसपी सुधीर चौधरी, एएसपी राजेश गुप्ता, युनिसेफ की सींधु बिनुजीत, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेषक कृष्णकांत सांखला, आसरा विकास संस्थान के भोजराजसिंह, कॉम्बेट कार्यक्रम के आकाष उपाध्याय मौजूद थे।