अब हिंदुस्तान जिंक की खदानों में होगा बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग

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राजसमंद। फिनलेण्ड की प्रौद्योगिकी फर्म नॉर्मेट गु्रप ओवाई को हस्ताक्षर एमओयू सौंपते हिंदुस्तान जिंक के अधिकारी।

कार्बन उत्सर्जन को कम करने को लेकर पहल

  • देश में एकमात्र कंपनी जो कि स्मार्टड्राइव वाहनों का करेगा उपयोग
  • हिंदुस्तान जिंक और नॉर्मेट गु्रप ओवाई ने किए एमओयू पर हस्ताक्षर
    राजसमंद, चेतना भाट। भारतीय खनन को डीकार्बोनाइज करने के लिए महत्वपूर्ण और बड़ा कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने फिनलेण्ड की प्रौद्योगिकी फर्म नॉर्मेट गु्रप ओवाई के साथ भूमिगत खनन में बैटरी संचालित इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए हिंदुस्तान जिंक द्वारा भूमिगत खदानों में नॉर्मेट स्मार्टड्राइव व्हीकल्स (एनएसडीवी) का उपयोग किया जाएगा। जिससे खदान के संचालन को पर्यावरण के अनुकूल और सस्टेनेबल बनाने में मदद मिलेगी। जिंक सीईओ अरुण मिश्रा ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक द्वारा हमेशा सस्टेनेबल संचालन और अब रेस टू नेट जीरो की प्रतिबद्धता के अनुरूप पर्यावरण के अनुकूल तकनीक और नवाचार को प्राथमिकता दी जाती है। नॉर्मेट के साथ कंपनी की साझेदारी कार्बन उत्सर्जन को कम करने के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर हरित भविष्य लिए स्थाई संचालन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रस्तुत करना है। हमारा मानना है कि अंडरग्राउंड माइनिंग में बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल की शुरुआत उद्योग के लिए निर्णायक और भारत द्वारा रिस्पॉन्सिबल माइनिंग की दिशा में एक बड़ी उपलब्धी होगी। नॉर्मेट इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट, इंडिया सेल्स एरिया और एमडी सुभासिस मोहंती ने बताया कि नॉर्मेट में मिशन द्वारा स्थाई भूमिगत खनन में परिवर्तन लाना है। कंपनी का निरंतर प्रयास सस्टेनेबल संचालन के लिए संसाधन तैयार करते समय भूमिगत सुरक्षा स्तरों को बढ़ाने और उत्पादकता में सुधार है। नॉर्मेट स्मार्टड्राइव वाहनों के लिए हिंदुस्तान जिंक के साथ यह साझेदारी सुरक्षित, सस्टेनेबल और हरित खनन के लिए सामूहिक पहल की ओर कदम है। जिंक के मुख्य प्रचालन अधिकारी माइंस प्रवीण शर्मा ने बताया कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट जिंक के संचालन का अभिन्न हिस्सा है। नॉर्मेट के साथ यह साझेदारी जिम्मेदारीपूर्ण खनन की दिशा में सभी के प्रयासों को आगे बढ़ाती है। भूमिगत खदानों में भारत के पहले यूटिलिटी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिये उत्साहित है, जो हरित भविष्य की ओर बढऩे में सक्षम बनाएगा है। हिन्दुस्तान जिंक भारत में पहली खनन कंपनी है जिसने इलेक्ट्रिक व्हीकल को भूमिगत खनन में उपयोग में लाने की पहल की है। स्मार्टड्राइव वाहन हिन्दुस्तान जिंक में हाई स्पीड डीजल और इसके रखरखाव में बड़ी बचत करेगा। उदाहरण के लिए एक नॉर्मेट मशीन प्रति घंटे 15.17 लीटर एचएसडी की खपत करती है। एचएसडी पर चलने वाले इन वाहनों का औसत जीवन चक्र 20 हजार घंटे है। इन एचएसडी वाहनों के बजाय अब स्मार्टड्राइव बैटरी संचालित करने से प्रति वाहन लगभग 3 लाख लीटर हाई स्पीड डीजल बचाया जा सकेगा। एचएसडी वाहनों के लिए 3 स्मार्टड्राइव ईवी के उयोग से लगभग 10 लाख लीटर ईंधन की बचत की जा सकेगी।
    पहले चरण में स्प्रेमेकए एजिटेटर और चार्मेक वाहनों का होगा उपयोग
    नॉर्मेट स्मार्टड्राइव एक मॉड्यूलर बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता है जो कि भूमिगत खनन और टनलिंग में ऊर्जा की खपत और प्रदर्शन के अनूकूल डिजाइन कर वाहनों को बनाता है। स्मार्टड्राइव उपकरण उच्च उत्पादकता, कम परिचालन लागत और सबसे महत्वपूर्ण शून्य उत्सर्जन को सुनिश्चित करते है। इस वर्ष के प्रारंभ में हिंदुस्तान जिंक ने अपनी भूमिगत खदानों में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) को सम्मिलित करने के लिए एपिरॉक रॉक ड्रिल्स एबी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे।

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