मां ने टॉप्स बेचकर दिलाया मोबाइल, जुगाड़ से बनाई देसी ओपन जिम, सोशल मीडिया पर ४० लाख फॉलोवर्स, करोड़ों का टर्न ओवर
Sunilpandit @ #Theudaipurupdates
मावली क्षेत्र का एक छोटा सा गांव है सुखवाड़ा। उदयपुर से ३० किमी की दूरी पर। हमारी टीम नाम पता पूछते-पूछते पहुंची गांव में। एक घर के बाहर ही कुछ युवा खड़े थे, इन्होंने कहा ये है विक्रम भाई। मुझसे हाथ मिलाया और टीम को अंदर आने को कहा। हम अंदर पहुंचे तो घर के पीछे एक बाड़े को जिम बना रखा था। कुछ युवा सीमेंट से खेल रहे थे। सीमेंट देखकर मैंने पूछा घर का काम चल रहा है तो बोले- ये डमबेल बना रहे है। फिर बातचीत का दौर शुरू हुआ तो युवाओं ने बताया कि गांव में भरने वाले दशामाता के मेेले की अलग महिमा है। बरहाल २५० जनों की आबादी का ये गांव (सुखवाड़ा) Vikram Fitness sukhwada सोश्यल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। २२ साल के विक्रम सिंह ने अपने जोश और जुनून के दम पर घर के पीछे बाड़े को ओपन जिम ना दिया। इस जिम में गांव के युवा अपने शरीर को मजबूत बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते है और इसके लिए कोई शुल्क नहीं है। जिम के सामान भी देसी जुगाड़ से बनाए गए है। विक्रम ङ्क्षसह बताते है कि २०१७ में घर की माली हालत ठीक नहीं होने पर सिर्फ 8 वीं तक ही पढ़ाई की। एक मामूली नौकरी से अपने जीवन की शुरुआत के बाद कारोना का दौर आ गया। इसी दौर में उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाना शुरू किया। शुरुआत में इनके वीडियो को कोई पंसद नहीं करता था लेकिन आज उनके एक-एक वीडियो पर लाखों व्यू है। इसकी अलग ही सोशल मीडिया टीम है जो कंटेंट क्रिएट करने के बाद वीडियो अपलोड करने का काम करती है। एक जवाब पर विक्रम सिंह कहते है कि अब तक मैं ५५ लाख रुपए से ज्यादा कम चुका हूं। इन पैसों से उन्होंने घर बनाया, फोर व्हीलर और दो टू व्हीलर खरीदी है। पास की कच्ची रसोई में खाना बना रही उनकी मां ने बताया कि विक्रम की हॉबी को निखारने के लिए मैंने टॉप्स बेचे, ७ हजार रुपए में एक छोटा मोबाइल दिलाया। लेकिन आज भी पता नहीं वो क्या करता है, बस इतना पता है वो वीडियो बनाता है।

देसी जुगाड़ से बनाए दिए जिम के सामान Vikram Fitness sukhwada
विक्रम सिंह ने घर के बाड़े में जो जिम बनाई है वो सर्दी, गर्मी और बरसात में एक जैसी रहती है। जिम पर छत नहीं है। दिवारों को सादे कलर से पेंटर करवा रखी है ताकि वीडियो बेहतर बने। जिम के सामान में ईंट, सीमेंट, कनस्तर, लकड़ी और प्लास्टिक के जार का उपयोग किया है। डमबेल भी लकड़ी पर ही है। विक्रम कहते है अगर मैं चाहूं तो किसी कंपनी से टायफ करके एक करोड़ की नई जिम खोल सकता हूं लेकिन जब मुझे पहचान इसी से मिली है तो उसको क्या बदलना। लाखों फॉलोवर्स को देखते हुए यूट्यूब ने इनको एक मैनेजर दे रखा है जो विक्रम के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहते है।

युवाओं को गरीबी से उबारना ही लक्ष्य Vikram Fitness sukhwada
विक्रम सिंह बताते है कि उनके पिता किसान और मां गृहिणी है। एक भाई है जिसका भी यूट्यूब पर चैनल बनवाया है और डेढ़ मिलियन फॉलोवर्स है। भाई को रोजगार से जोडऩे के बाद मैंने जिम में आने वाले हर एक युवाओं को ट्रेनिंग दी और उनका यूट्यूब पर चैनल बनाकर उनको ग्रो करवाया। विक्रम ने गांव के करीब २० से अधिक युवाओं को अपनी फ्री जिम में जोड़ रखा है और उनको समय-समय पर टिप्स देते रहते है। अब तक उनकी टीम से जुड़े युवाओं के पास 2 गोल्ड और 6 सिल्वर बटन है। इनमें से एक उनकी चचेरी बहन 9 साल की विनीता कुंवर है, जिसके भी सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोवर्स है। उनका कहना है कि गांव युवाओं को गरीबी से उबारना ही लक्ष्य है।
सोश्यल मीडिया पर धूम, गांव के लोग अंजान : विक्रम सिंह की सादगी और व्यवहार ऐसा है कि उनके सोश्यल मीडिया पर 40 लाख से ज्यादा फॉलोवस होने के बावजूद गांव के लोग आज भी अंजान है। हमने वजह पूछी तो विक्रम ने बताया कि मैं गांव वालों के सामने बड़ा हुआ हूं अब उनको ये सब बताकर खुद की नजरों में गिरना नहीं चाहता हूं। बस गांव में जैसा हूं वैसा रहना पसंद है।
Vikram Fitness sukhwada फोटो : योगेश सुखवाल