रेलमगरा। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में चल रहे चातुर्मास कार्यक्रम के तहत गुरुवार को आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए पूज्य श्री रितेश मुनि महाराज ने कहा कि हर मनुष्य इस जीवन में संसार को लेकर चिंतन भी कर सकता है और चिंताएं भी कर सकता है। चिंता करने से समस्याएं और अधिक बढ़ जाती है। शरीर में आधी व्याधि भी बढ़ जाती है। लेकिन अगर मानव चिंतन करता है तो उसकी समस्याओं का समाधान भी हो जाया करता है। साथ ही वह व्यक्ति तनाव मुक्त हो जाता है। ऐसा कोई महिना नहीं आता जिसमें अमावस्या नहीं होती हो, इसी प्रकार से इस संसार में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जिसके जीवन में कोई समस्या ना हो। यूं तो संसार समस्याओं से भरा पड़ा है लेकिन अगर मनुष्य ज्ञानी बनकर सकारात्मक चिंतन करेगा तो उसकी हर समस्या अपने आप सुलझती चली जाएगी। मनुष्य को चाहिए कि वह शांति के साथ प्रभु की उपासना करें जीवन की चिंता के समाधान अपने आप सही हो जाएंगे। पूज्य श्री प्रभात मुनि महाराज ने कहा कि अगर जीवन में सुख प्राप्त करना चाहते हो तो गम खाओ, कम खाओ, और नम जाओ, जो व्यक्ति इन लघु सूत्र को अपने जीवन में लेकर चलेगा वह कभी भी दुखी और परेशान नहीं होगा। आज के इस धर्म सभा में ब्यावर से आए कवि श्याम जी अंगारा ने कविता के माध्यम से गुरु सौभाग्य के जीवन व जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों पर चोबीसी प्रस्तुत की।