उदयपुर। पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की प्रधानपीठ नाथद्वारा में इस बार पांच दिपोत्सव की धूम इस साल आठ दिन बाद देखने को मिलेगी। ये बदलाव सूर्यग्रहण को लेकर किया गया है। इसका असर कान जगाई, गोवर्धन पूजा व अन्नकूट लूटने की परंपरा में देखने को मिलेगा। नाथद्वारा में हर साल दीपावली के अगले दिन खेलेरा, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट लूटने की परंपरा निभाई जाती है। तिलकायत राकेश महाराज द्वारा समय में परिवर्तन को लेकर जारी आदेश के अनुसार इस वर्ष 25 अक्टूबर को ग्रसतास्त सूर्यग्रहण होने से परिवर्तन किया जाएगा।
इस बार ये रहेगी कार्यक्रम की व्यवस्था
कार्यक्रम के अनुसार 24 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी व दीपावली साथ होगी जिसमें शाम को शयन दर्शन के उपरांत चोपड़ा पूजन व लक्ष्मीपूजन श्री कृष्ण भंडार में होगा। 25 अक्टूबर मंगलवार को सूर्यग्रहण होगा, 26 अक्टूबर को अक्षर सेवा प्रारम्भ होगी तथा 27 अक्टूबर को श्रीजी नगरी में यमद्वितीया ( भाई दूज का पर्व हर्षो से मनाया जाएगी। तिलकायत राकेश महाराज की आज्ञा से 1 नवम्बर गोपाष्टमी को श्रीजी की गौशाला से गौमाता पहुंचेगी तथा गौमाता की तिलकायत व युवराज विशाल बावा द्वारा सेवाकर्मियों व ग्वाल बालों की मौजूदगी में कान जगाई की रस्म अदा करेंगे। 2 नवम्बर को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव होगा। वही 3 नवम्बर को मदनमोहन जी मन्दिर में अन्नकूट महोत्सव तथा 6 नवम्बर को पसियार मन्दिर में अन्नकूट आयोजित होगा। बता दें कि पथ दिवसीय पर्व को लेकर श्रीजी मन्दिर व मन्दिर मण्डल प्रशासन द्वारा दर्शन समय की रूपरेखा बैठक आयोजित कर निर्धारित की जाएगी।
इस बार दर्शनों को लेकर असमंजस
गौरतलब है कि पांच दिवसीय महोत्सव को लेकर पूरे नाथद्वारा में रौनक रहती है। दीपोत्सव की धूम का असर 15 दिन पहले से और 15 बाद तक रहता है। लेकिन इस बार 8 दिन बाद दीपोत्सव मनाने से वैष्णवजन भी असमंजन की स्थिति में है। शहर में इसका असर हर तरफ देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि जब ये महोत्सव होगा तब छूट्टियां खत्म हो जाएगी। ऐसे में इस बार कम लोग ही शामिल होने का अनुमान है। हालांकि स्थानीय लोगों में उत्साह अभी से बरकरार है लेकिन फिर भी इसका असर दिखाई जरूर देगा।