मेनार। राज्य सरकार द्वारा मुद्रांक अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद गो संरक्षण एवं संवर्धन की राशि आपदा प्रबन्धन में व्यय की जा रही है। इस संशोधन को हटाने को लेकर सोमवार को विहिप, बजरंग दल ने जिलामंत्री रमेश सांगावत के नेतृत्व में उपखंड अधिकारी वल्लभनगर मयंक मनीष को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा किए गए इस संशोधन को निरस्त करने के लिए राजस्थान गौ सेवा समिति राजस्थान एवं गो ग्राम सेवा संघ राजस्थान 31 अगस्त को एवं गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति ने 7 सितम्बर 2020 को तहसील स्तर से लेकर मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे। लेकिन राज्य सरकार ने इस संबध में मौन धारण किया हुआ है। जिससे सोमवार को विहिप बजरंग दल ने ज्ञापन देते हुए मांग की कि राजस्थान सरकार ने गौ संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 में एवं राजस्थान स्टाम्प अधिनियम 1998 (1999 क अधिनियम संख्या 14) की धारा 3 ख के अधीन संग्रहित अधिभार से प्राप्त राशि जो कि गोमाता और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के प्रयोजन के लिए ही उपयोग की जायेगी किये गए संशोधन को निरस्त किया जाएं। एक वितीय वर्ष में 180 दिनों की दी जा रही अनुदान राशि को 365 दिन किया जाएं। प्रदेश में संचालित सभी गोशालाओं को बिना किसी शर्त के अनुदान दिया जाएं। 200 गोवंश एवं एक साल की अनिवार्यता के नियम को समाप्त किया जाएं। गौशालाओं को दी जाने वाली अनुदान राशि के भुगतान नियमों का सरलीकरण किया जाएं। राज्य मंे गौशालाओं को अनुदान देने के लिए बनी हुई राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियों मे गोशालाओं के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएं। गोचर भूमि में चारागाह विकसित किया जाएं एवं मनरेगा से जोड़कर इसमें विकास के कार्य करवाएं जाएं। गोचर भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए इन गोचर भूमियों का केयरटेकर निकटतम रजिस्टर्ड गोशाला समिति को बनाया जाएं। प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक नंदीशाला का निर्माण करवाया जाएं एवं संभागस्तर पर एक गोअभ्यारण विकसित करें। राज्य में संचालित सभी गौशालाओं को पूर्व में बिजली बिलों मे छूट दी जा रही थी, उस टेरिफ प्लान को फरवरी 2020 में बदल दिया गया है अब छूट नहीं मिलने से गौशालाओं का बिजली का खर्चा तीन गुना हो गया है अतः पूर्व में जारी बिजली छूट यथावत रखी जाएं। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक गांव में मांस की दुकान खोलने का निर्णय लिया गया है उसे तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाएं। गत सरकार द्वारा 10 मार्च 2018 में राजस्थान गोवंसीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी पव्रजन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम 1995 के उपबंदो का जो संशोधन प्रस्ताव पारित हुआ था उस कानून को सरकार तुरंत लागु करें। गौ तस्करी को रोकने हेतु प्रदेश की सीमा पर विशेष पुलिस चैकियां स्थापित की गई थी, जिससे गौवंश तस्करी मंे काफी कमी आई थी, परंतु उन विशेष पुलिस चैकियों को बंद कर दिया गया है, उन पुलिस चैकियों को पुनः स्थापित किया जाएं। मनरेगा कार्यक्रम में गौशाला के कार्यों एवं किसानां के कृषि कार्यो को भी जोड़ा जाएं। धारा 144 लागू होने के कारण से संगठन ने धरना प्रदर्शन नहीं किया सरकार की गाइड लाइन को मानते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस दौरान विहिप जिलामंत्री रमेश सांगावत, एडवोकेट भगवानलाल मेनारिया, सुरेशचंद्र मेनारिया, संपत सामोता, रमेश जाट, दिग्गविजय आमेटा, पुष्कर जणवा आदि मौजूद थे।