शिक्षा जीवन के लिए, जीवन वतन के लिए : एबीवीपी

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राजसमंद। एबीवीपी के 66वें राष्ट्रीय अधिवेशन पर प्रसारित वर्चुअल कार्यक्रम में उपस्थित परिषद की केलवा ईकाई के कार्यकर्ता।

कार्यकर्ताओं ने मनाया परिषद का 66वां अधिवेशन
राजसमंद, चेतना भाट। एबीवीपी के 66वें राष्ट्रीय अधिवेशन का सीधा प्रसारण धोईन्दा ईकाई और एसआरके महाविद्यालय इकाई द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम प्रोजेक्ट से छात्र शक्ति को दिखाया गया। नगर मंत्री राकेश पालीवाल ने बताया कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि एमजी कॉलेज उदयपुर की पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान बाल अपराध कल्याण समिती अध्यक्ष भावना पालीवाल रही जिन्होंने परिषद के बारे में जानकारी दी। इधर, एबीवीपी केलवा नगर इकाई में परिषद का 66वां राष्ट्रीय अधिवेशन वर्चुअल माध्यम से लाइव दिखाया गया। परिषद नगर मंत्री ओमप्रकाश पूर्बिया ने बताया कि कार्यक्रम में स्टूडेंट फॉर सेवा प्रकल्प जिला सयोंजक नीलेश पालीवाल, जिला सोशल मीडिया संयोजक गुंजन शर्मा का प्रवास रहा। प्रकल्प जिला संयोजक निलेश पालीवाल ने बताया कि अधिवेशन के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यवाह सुरेश जोशी, अध्यक्षता एबीवीपी राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. छगनभाई पटेल व विशेष अतिथि राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी थे। इस अवसर पर प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य चेतन जोशी, संजय सांवरिया, एसएफएस जिला संयोजक नीलेश पालीवाल, मीडिया संयोजक गुंजन शर्मा, नगर सहमंत्री रतनलाल भील, ललित कुमावत तासोल, मुकेश गुर्जर जेतपुरा, नगर छात्रा प्रमुख नेहा जीनगर, सह प्रमुख तविशा शर्मा, सह प्रमुख टीना रेगर, नगर एसफडी प्रमुख दीपक चंदेल, सह प्रमुख दिनेश पूर्बिया सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

एकादशी पर प्रभु द्वारकाधीश को धराया टिपारा


राजसमंद। पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रंयास द्वारकाधीश मंदिर में शुक्रवार को एकादशी पर्व के उपलक्ष्य में प्रभुश्री द्वारकाधीश को विशेष श्रृंगार अंगीकार करवाया गया। जिसमें प्रभुश्री द्वारकाधीश के श्रीमस्तक पर श्वेत जरी का टिपारा, जिस पर काम के कतरा चंद्रिका, श्वेत जरी का चाकदार वागा, वैसी सूथन, वैसे मौजा, श्याम कटी का पटका, हीरा के आभरण, श्याम ठाड़े वस्त्र, श्वेत जरी का गदल, श्याम फरगुल वन माला का श्रीनगार धराया गया। दर्शनों को करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु द्वारकाधीश मंदिर पहुंचे जिन्हें कोरोना गाइडलाइन के अनुसार दर्शन करवाए गए। इस दिन की एकादशी का बहुत बड़ा महत्व है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था।

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