शरद पूर्णिमा : जैसे प्रकृति के कटोरे में खीर पी रही है लेकसिटी

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फोटो : योगेश सुखवाल (DOP)

उदयपुर। शरद पूर्णिमा की रात घरों में खीर बनाई गई। अलसुबह इसी खीर का पान कर हर किसी ने ताजगी का अहसास किया। शरद पूर्णिमा की रास महारास और महालीला का संगम है। इस दिन लक्ष्मी वैकुंठ से धरती पर अवतरित होती है तो पार्वती महादेव का हाथ थमाकर विचरण करती है। बड़ा मनोहारी दृश्य होता होगा हेना…..। जरा सोचकर देखिए। हमने इसी दृश्य को ध्यान में रखकर लेकसिटी की शहर की तो ये नजारे देखने को मिले। कभी हमें ये लगा कि लेकसिटी शरद की पहली ठिठुरन से रंगीन हो गई है तो अगले ही पल ये आभास हुआ कि उदयपुर की वादियों ने ठंड का अहसास होते ही रंगीन ऊनी वस्त्र ओढ़ लिए हो। कई बार तो मुझे ये भी लगा कि शायद प्रकृति ने कटोरे में खीर सजाई हो और इसी खीर का पान करने लेकसिटी दौड़ी चली आ रही हो। खेर जो भी हो इन चित्रों में लेकसिटी बड़ी खूबसूरत लग रही है। हमारे शहर उदयपुर को किसी की नजर न लगे।

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