1192 करोड़ की तीन सडक़ परियोजनाओं का केन्द्रीय मंत्री गडक़री आज करेंगे शिलान्यास
गोमती, थांवला, पादूकलां और रेण में एक साथ आयोजित होंगे कार्यक्रम
राजसमंद, चेतना भाट। वर्षों से बहुप्रतीक्षित गोमती ब्यावर फोरलेन परियोजना के साथ ब्यावर से आसींद और अजमेर-मेडता-नागौर सडक़ अपग्रेडेशन कार्यों के होने वाले शिलान्यास की खबर से क्षेत्र वासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सांसद दियाकुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 1192 करोड़ के होने वाले तीनों कार्य जनता को समर्पित है। यह तीनों कार्य सिर्फ सडक़ मार्ग नहीं, सडक़ों का जाल है। उन्होंने कहा कि विकास का रास्ता बुनियादी सुविधाओं से आगे बढ़ता है, मजबूत और दुरस्त बुनियाद विकास का प्रथम सोपान है। सांसद ने कहा कि इन सडक़ मार्गों से जहां व्यापार और आवागमन में सुविधा बढ़ेगी वहीं दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। लोकसभा चुनाव में ब्यावर गोमती फोरलेन की अधूरी पड़ी परियोजना को शुरू करवाने का जनता से वादा किया था, जो पूर्ण होने जा रहा है। इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार का जितना धन्यवाद व्यक्त किया जाए वो कम है। संसदीय क्षेत्र मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया कि 719 करोड़ की लागत राशि से गौमती से ब्यावर फोरलेन सडक़ कार्य, ब्यावर से आसींद सडक़ अपग्रेडेशन कार्य लागत राशि 217 करोड़ और अजमेर नागौर राष्ट्रीय राजमार्ग वाया थांवला-पादुकला-मेड़ता-रेण बुटाटी अपग्रेडेशन कार्य जिसकी लागत राशि 256 करोड़ है। कुल 1192 करोड़ रुपये की इन तीनों परियोजनाओं का शिलान्यास केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री वर्चुअल माध्यम से करेंगे। कार्यक्रम गुरुवार को दोपहर 12:05 बजे गोमती, थांवला, पादूकलां और रेण में एक साथ आयोजित होंगे।
प्रसिद्ध गणितज्ञ रामानुजन जयंती पर संगोष्ठी आयोजित
राजसमंद। देश के प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर विज्ञान भारती की ओर से मंगलवार को महावीर नगर स्थित मधुकर भवन में कोरोना गाईड लाईन के तहत संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। विज्ञान भारती जिलाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पालीवाल ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता एलपीएस स्कूल गणित प्राध्यापक बीकेसिंह ने की। मुख्य अतिथि के रूप में महेश पुर्बिया उपस्थित थे। मां भारती की छवि पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रारंभ में जिला सचिव डॉ. गोपाल कुमावत ने संगठन का परिचय देते हुए बताया कि इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर की पहल पर चयनित बुद्धिजीवियों के साथ भारतीय प्राचीन विज्ञान पर शोध एवं विकास के उद्देश्य से संगठन की शुरुआत की। विद्यार्थी प्रमुख राजेश गोराणा ने श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर प्रकाश डाला। गणितज्ञ कानसिंह राठौड़ ने बताया कि रामानुजन के पास कोई वैध डिग्री नहीं होने के बावजूद भी उन्होंने कई अनसुलझे प्रमेयों को हल कर दिया था। कार्यक्रम का संचालन पुष्पेन्द्र पणिक्कर ने एवं आभार विद्यार्थी प्रमुख राजेश गोराणा ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर जिला संयोजक कपिल बड़ोला, जिला सचिव डॉ. गोपाल कुमावत, जिला विद्यार्थी प्रमुख राजेश गोराणा, जिला प्रध्यापक प्रमुख डॉ. अल्पना सोनी, कोषाध्यक्ष संजय शर्मा, हितेष पालीवाल, डॉ. डूंगरनाथ चौहान, पूर्वी श्रीवास्तव, महेश पूर्बिया, सुनील लड्ढा, पुष्पेन्द्र पणिक्कर आदि उपस्थित थे।