लोकतंत्र एवं संसदीय परंपरा में अणुव्रत जैसे मानवतावादी दर्शन की बहुत उपयोगिता : केंद्रीय मंत्री मेघवाल

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राजसमंद। अणुव्रत विश्व भारती परिसर में बने बाल संसद भवन का अवलोकन करते मंत्री व पत्रकारों से रूबरू होते केन्द्रीय मंत्री मेघवाल। फोटो : प्रहलाद पालीवाल

राजसमंद, चेतना भाट। केंद्रीय मंत्री व अणुव्रत संसदीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक अर्जुनराम मेघवाल एक दिन के प्रवास पर जिला मुख्यालय स्थित अणुव्रत विश्व भारती पहुंचे। उन्होंने अणुविभा के अतिथि गृह में रात्रि प्रवास किया। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सोमवार सुबह मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह बाल संस्कार केन्द्र अद्भुत है। बच्चों के संस्कार निर्माण के लिए यहां जो दीर्घाएं बनाई गई है और खेल-खेल में उन्हें जो संस्कार दिए जाते हैं, इस विधा को पूरे देश में फैलाने की आवश्यकता है। मेघवाल ने कहा कि देश के लिए जो नई शिक्षा नीति बनी है उसमें अणुविभा जैसे संस्थान महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं। मेघवाल ने पर्यटन विकास की दृष्टि से भी इस केन्द्र को उत्कृष्ट बताया और कहा कि इसके विकास में मैं पूरा सहयोग प्रदान करूँगा। अणुव्रत आंदोलन और इसके प्रवर्तक आचार्य तुलसी से अपने नजदीकी जुड़ाव का उल्लेख करते हुए मेघवाल ने कहा देश में लोकतंत्र एवं संसदीय परंपरा में अणुव्रत जैसे मानवतावादी दर्शन की बहुत उपयोगिता है। उल्लेखनीय है कि अर्जुनराम मेघवाल अणुव्रत संसदीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक हैं एवं उनके मार्गदर्शन में लोकसभा व राज्यसभा सांसदों की संगोष्ठियां समय-समय पर होती रही हैं। मेघवाल ने कहा कि राजनीति में शुचिता राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एसआईईआरटी के पूर्व निदेशक शरदचंद्र पुरोहित एवं शिशु शिक्षा के एक्सपर्ट प्रदीप पानेरी, डॉ. राकेश तैलंग आदि ने भी मंत्री के साथ चर्चा की एवं अणुव्रत व जीवन विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका की ओर ध्यान आकृष्ट किया। इस दौरान अणुविभा अध्यक्ष संचय जैन के साथ ही अणुव्रत महासमिति के अध्यक्ष अशोक डूंगरवाल, अणुविभा के कोषाध्यक्ष जगजीवन चौरडिय़ा, मंत्री प्रकाश तातेड़, तेरापंथ विकास परिषद के सदस्य पदमचन्द पटावरी, न्यासी गणेश कच्छारा, मेवाड़ कांफ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बसंती लाल बाबेल, डॉ. विमल कावडिय़ा, डॉ. सीमा कावडिय़ा, नवीन चौरडिय़ा सहित प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।

मेघवाल ने किया अणुव्रत विश्व भारती परिसर का अवलोकन

इससे पहले अणुव्रत विश्व भारती के अध्यक्ष संचय जैन ने मंत्री को संस्था के स्वरूप व कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अणुविभा अब अणुव्रत आंदोलन की प्रतिनिधि संस्था बन गई है एवं अन्तर्राष्ट्रीय नेटवर्क के साथ-साथ देशभर में 150 शाखाओं का नेटवर्क इसके साथ जुड़ गया है। जैन ने मंत्री को बालोदय दीर्घाओं का अवलोकन करवाया जिनमें विशेषत: बाल संसद, गुडिय़ाघर और संग्रहालय को देख कर मेघवाल अभिभूत हो गए। अणुविभा अध्यक्ष ने अणुव्रत आंदोलन के भावी स्वरूप व विस्तार के संदर्भ में भी मंत्री के साथ विस्तार से चिंतन किया। मेघवाल ने तुलसी साधना शिखर का भी अवलोकन किया एवं यहां विराजित मुनि संजय कुमार एवं मुनि प्रकाश कुमार के दर्शन किए और आध्यात्मिक विषयों पर लंबी चर्चा की। मुनि संजयकुमार ने कहा कि मेघवाल बीकानेर से आते हैं और आचार्य तुलसी की वहां समाधि है। मंत्री का अणुव्रत आन्दोलन से पुराना जुड़ाव रहा है। राजनेताओं में अध्यात्म के प्रति आकर्षण बढ़ाना चाहिए तभी देश को सही दिशा दी जा सकती है। अणुविभा कार्यकर्ताओं के साथ मंत्री ने प्रात:कालीन भ्रमण में दयालशाह किला, जैन मंदिर के भी दर्शन किए।

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