राष्ट्रीय कवि माधव दरक को मरणोपरांत राजस्थान गौरव पुरस्कार देने की मांग

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राजसमंद। राष्ट्रीय कवि माधव दरक को मरणोपरांत राजस्थान गौरव पुरस्कार देने कि मांग की है। पूर्व जिला परिषद सदस्य ललित चोरडिय़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मांग की है कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कविताओं के माध्यम से राजस्थान की महिमा का गुणगान करने वाले कवि माधव दरक को मरणोपरांत प्रदेश के सबसे बड़े सम्मान राजस्थान गौरव की उपाधि से सम्मानित करना चाहिए। उनकी लिखी कविताओं से अनेक गीतकारो एवं फिल्मों में इनकी रचित कविता एवं गीतों ने राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान महिमा की नई पहचान दिलाई। पूर्व में भी अनेक सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओं ने यह पुरस्कार श्री दरक को दिलाने के लिए प्रयास किए गए थे मगर विगत 7 वर्षों से यह पुरस्कार सरकार नहीं दे रही हैं। चोरडिय़ा ने इस पुरस्कार को पुन: शुरू करते हुए राष्ट्रीय कवि माधव दरक को राजस्थान गौरव पुरस्कार समर्पित करने की मांग की है।

सीएम व भीम-कुंभलगढ़ विधायक सहित साहित्यिक संस्थाओं ने जताया शोक

राजसमंद। मायड़ थारो वो पूत कठे, एहड़ो म्हारो राजस्थान जैसे अमर गीतों के रचनाकार कवि माधव दरक केलवाड़ा के निधन पर उनके समर्थकों सहित साहितय जगत में शौक की लहर छा गई। माधव दरक पिछले कई दिनों से बिमार चल रहें है। दरक के निधान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की है। गहलोत ने राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि माधव दरक के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। राजस्थान के इतिहास का गान करती और राजस्थानी संस्कृति के विभिन्न रंगों से ओत-प्रोत उनकी रचनाएं प्रदेश के साहित्य का अनमोल हिस्सा है। भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने राजस्थानी भाषा के कुंभलगढ़ निवासी राष्ट्रीय कवि माधव दरक के निधन पर गहरी संवेदना जताते हुए कहा कि विभिन्न रंगों से ओत प्रोत उनकी रचनाएं प्रदेश के साहित्य का अनमोल हिस्सा है। वीर रस और राजस्थान की वीरता की महतवता को दर्शाता है। दिवंगत माधव जी दरक का जीवन सरलता, ईमानदारी और रचनात्मकता की मिसाल है। जीवन में कविता और कविता में जीवन को जीने वाले ऐसे लेखक ओर कविताकार अब साहित्य जगत को दुबारा मिलना कठिन है। दरक के निधन से केवल मेवाड़ राजस्थान की ही नहीं, हिन्दी साहित्य-समग्र साहित्य जगत के लिए बडी क्षति है। विधायक रावत ने शोकाकुल परिजनों और उनके प्रशंसकों को धैर्य तथा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। एहड़ो म्हारो राजस्थान जैसे अमर गीतों के रचनाकार कवि माधव दरक केलवाड़ा के निधन पर काव्य गोष्ठी मंच, राष्ट्रीय कवि संगम के साहित्यकारों ने शोक व्यक्त किया है। वरिष्ठ साहित्यकार चतुर कोठारी, डॉ राकेश तेलंग, फतहलाल अनोखा, दुर्गाशंकर मधु, त्रिलोकी मोहन पुरोहित, प्रमोद सनाढ्य, धीरेंद्र शिल्पी, सतीश आचार्य, सूर्यप्रकाश दीक्षित, नारायणसिंह राव, दिनेश श्रीमाली, कवि सुनील व्यास, संपत सुरीला, नगेन्द्र मेहता, गौरव पालीवाल, प्रकाश जांगिड़, शोभा गोस्वामी, कृष्णकांत साँचीहर, यशवंत शर्मा, संपत उजाला, भुवनेशप्रभु जोशी, मुकेश वैष्णव, गोविंद दीक्षित, रामगोपाल आचार्य, हनीफ शेख रिजवी, नीतू बाफना, ललिता शर्मा, विष्णु भट्ट, राहुल दीक्षित, हेमेंद्रसिंह चौहान ने दरक के निधन को साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति बताते हुए उन्हें श्रंद्धाजलि अर्पित की। ख्यातनाम कवि माधव दरक के निधन पर कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़ ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दरक के निधन से मेवाड़ नहीं अपितु पूरे भारत से एक साहित्यकार की कमी हुई तथा यह कमी कोई नहीं भर पाएगा। कवि दरक ने मेवाड़ के महाराणा प्रताप, कुंभा एवं अनेक वीर सपूतों एवं शहीदों के नाम पर कविताएं लिखी एवं साहित्यकारों में अपना नाम ऊंचा किया। दरक के द्वारा मेवाड़ी भाषा में लिखी गई उनकी अनेक कविताओं में से महाराणा प्रताप की जो कविता उन्होंने लिखी उनसे उनके लेखनी की प्रभुक्ता दिखलाई देती है। ऐसे महान कवि को मैं हृदय की गहराई श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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