राजसमंद : सुबह छाया घनघोर कोहरा, दिन में छाए बादल

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सर्द हवाओं ने बढ़ाए ठंड के तेवर
राजसमंद, चेतना भाट। जिला मुख्यालय सहित जिले भर में लगातार तीसरे दिन भी मौसम खराब रहा। रविवार की सुबह की शुरुआत घनघोर कोहरे के साथ हुई। जैसे जैसे दिन चढ़ता गया कोहरा छंटता गया। लेकिन आकाश को बादलों ने ढक लिया जिससे सूर्य देव के दर्शन तक नहीं हुए। जिससे दिन भर वातावरण सर्द हवाओं के साथ ठंडा बना रहा। लोगों ने दिन में अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने का प्रयास किया। शुक्रवार से खराब हुआ मौसम पिछले तीन दिनों से ज्यों का त्यों बना हुआ है। शनिवार के मुकाबले रविवार को अधिकतम तापमान 2.5 डिग्री की बढ़त के साथ 27.5 डिग्री दर्ज किया गया लेकिन न्यूनतम तापमान तीन डिग्री गिरावट के साथ 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि शनिवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया। रविवार को भी अल सुबह कोहरा छाया रहा जिससे 10 से 15 फीट दूर की वस्तु को देख पाना मुश्किल हो रहा था। हाईवे पर भी वाहन चालकों को वाहन चालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

सुबह को कोहरा व रात को गिरती ओस

इस बार दिसम्बर माह में सर्दी ने अपने तीखे तेवर तो नहीं दिखाए लेकिन शुक्रवार से ही बदले मौसम के चलते पिछले तीन दिनों से आसमां में कोहरा व बादल छाए रहने एवं शीत लहर चलने के कारण सर्दी का असर दिखना प्रारंभ हो गया है। लगातार कोहरा छाने व शीत लहर से बढ़ी सर्दी के कारण घरों की छतों, वाहनों एवं खेतों में फसलों पर भी ओस की बूंदे दिखाई दी। प्रदेश में उत्तरी भारत में हो रही बर्फबारी का असर दिखाई दे रहा है। जिससे तापमान में उतार चढ़ाव के साथ ही रात को ठंड के साथ ही ओस गिरने लग जाती है। रात को दस बजे से ही वाहनों पर जमती ओस की बूंदों को साफ देखा जा सकता है।

सब्जियों पर पड़ता प्रतिकुल असर

लगातार बढ़ती ठंड के साथ ही बदले मौसम से सब्जियों व फसलों पर भी इसका प्रतिकुल असर पडऩे लग गया है। मिर्च, बैंगन, टमाटर जैसी सब्जियों सहित गेहूं, चना आदि फसलों पर इस मौसम का प्रभाव पड़ा है।

बदली लोगों की दिनचर्या

पिछले तीन दिनों से खराब चल रहे मौसम के कारण लोगों की दिनचर्या में भी परिवर्तन आने लगा है। अल सुबह से ही जो लोग काम काज पर आने को आतूर रहते थे वो पिछले तीन दिनों से घर से बाहर निकलने में कतराने लगे है। वहीं खान पान में भी काफी बदलाव आया है। लोगे खाने में गर्म तासिर की वस्तुओं का उपयोग अधिक करने लगे है। शहर के जेके सर्कल चौराहे पर तिल्ली से गजक बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। जिसमें तिल का तेल निकालने के बाद बची तिल्ली में गुड़ मिलाकर सर्दी की खुराक तैयार की गई है। जिसे लोग बड़े चाव के उसका लुफ्त उठा रहे है।

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