राजसमंद में मानसिक विमंदित गृह खोलने की मांग

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राजसमंद। जिला कलक्टर कार्यालय में आयोजित जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक को सम्बोधित करते जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल। फोटो-प्रहलाद पालीवाल

जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक सम्पन्न

राजसमंद, चेतना भाट। बाल अधिकारिता विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्ड एडवाइजरी बॉर्ड की त्रेमासिक समीक्षा बैठक का आयोजन बुधवार को जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष अरविंद कुमार पोसवाल की अध्यक्षता में जिला कलेक्टर कक्ष में आयोजित हुई। जिला कलक्टर पोसवाल ने बाल श्रम को रोकने के लिए सभी व्यापारिक संस्थानों के साथ बैठक कर समझाइश करने, वचन लेने एवं मुख्य चौराहों एवं चौखटियों एवं कारखानों के आसपास बालश्रम निषेध के बारे में जागरूकता फैलाने वाले बोर्ड व हॉर्डिंग्स लगाने के निर्देश दिए। बाल श्रम को रोकने के लिये डीएलएफटी के समन्वित प्रयासों के लिए कहा तथा शेष रहे ब्लॉक विकास अधिकारियों से जल्द वीएलसीपीसी और बीएलसीपीसी का गठन कर नियमित बैठक कराने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बाल संरक्षण के क्षैत्र में किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया एवं सभी विभागों से मिलकर और अधिक समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए। भीम बिडिओ रमेशचन्द्र मीणा एवं रेलमगरा बीएल विश्नोई ने ब्लॉक से सम्बांधित वीएलसीपीसी, बीएलसीपीसी प्रगति रिपॉर्ट पेश की। मानव तस्करी निरोधी दल के प्रभारी गोवर्धनसिंह ने जिल में बालश्रम एवं पोक्सो एक्ट के अंतर्गत प्रकरणों में बच्चों के बयान एवं अन्य विधिक कार्यवाही की जानकारी दी। शिशुगृह समन्वयक प्रकाशचन्द्र सालवी ने बच्चें फेंके नहीं हमे दे अभियान के तहत जिले भर के अस्पताल में संचालित पालना स्थल के बारे में तथा कारा वेबसाईट के बारे में जानकारी दी। चाइल्ड लाइन जिला समन्वयक संजय राव ने जिले में सचालित चाइल्ड लाईन द्वारा अब तक किए गए कार्यों की प्रगति एवं सीएबी गठन व उद्देश्य की जानकारी ने दी। बैठक के अंत में संरक्षण अधिकारी नरेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

जिले में मानसिक विमंदित गृह खोलने की मांग

बाल कल्याण समिति सदस्या चंदा सोनी ने बाल कल्याण समिति के लम्बित प्रकरणों की जानकारी दी। बाल अधिकारिता एवं जिला बाल संरक्षण इकाई सहायक निदेशक कृष्णकांत सांखला ने जिले में संचालित राजकिय सम्पे्रक्षण एवं किशार गृह, अभिरक्षा गृह, विशेष गृह व शिशु गृह के बारे में जानकारी दी। साथ ही वीएलसीपीसी, बीएलसीपीसी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इनके गठन की प्रगति रिपॉर्ट पेश की। पोक्सो एक्ट में प्रावधान की जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक पोक्सो प्रकरण में बाल कल्याण समिति को भिजवाया जाना अनिवार्य है। सांखला ने डीएमएफ्टी के माध्यम से राजकिय सम्पे्रक्षण गृह, बाल अधिकारिता विभाग के लिए फण्ड मांगा गया जिसके लिए जिला कलक्टर ने सहमती जताई। बाल कल्याण समिति अध्यक्षा भावना पालीवाल ने हाल ही में चारे के ढ़ेर में जलने से निधन होने वाले बालक के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता दिलाने एवं जिले में मानसिक विमंदित गृह खोलने की मांग की। भावना पालीवाल ने जलती आग से जलकर बहादुर बालक ने अपनी जान पर खेलकर अपनी बड़ी बहन को जलती आग से बाहर निकालकर उसकी जान बचाई। बहादूरी पुरस्कार के लिए उसका नाम भेजने के लिए कहा।

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