
राजसमंद में कांग्रेस के समर्थन से भाजपा से बागी बने प्रधान अरविंद सिंह बने प्रधान
राजसमंद, चेतना भाट। राजसमंद पंचायत समिति में भाजपा की आपसी फूट के चलते भाजपा के टिकट पर जीतकर आए तथा भाजपा से बागी हुए अरविंद सिंह राठौड़ कांग्रेस के समर्थन से प्रधान निर्वाचित हुए। कांग्रेस के समर्थन से प्रधान के चुनाव में अरविंद सिंह राठौड़ को 12 एवं भाजपा प्रत्याशी बंसत कुंवर भाटी को पांच वोट मिल जिससे राठौड़ ने भाजपा प्रत्याशी बंसत कुंवर भाटी को सात वोटों से हराकर प्रधान पद की सीट पर कब्जा जमाया। इससे पहले सुबह 11 बजे के पहले राजसमंद पंचायत समिति के सभागार में उपखण्ड अधिकारी (रिटर्निंग अधिकारी) आईएसस सुशील कुमार की मौजूदगी में प्रधान पद के लिए अरविंदसिंह राठौड़, बंसत कुंवर भाटी ने भाजपा की ओर से एवं निर्दलिय उम्मीदवार के तौर पर एक-एक नामांकन पत्र भरा। वहीं कांग्रेस की ओर से नारायणलाल गुर्जर ने अपना नामांकन दाखिल किया। तय समय पर भाजपा ने बंसत कुंवर भाटी को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया। जबकि अरविंदसिंह राठौड़ के पार्टी सिंबल नहीं लगने से उसका नामांकन निरस्त हो गया। जिससे नाराज होकर अरविंदसिंह राठौड़ ने भाजपा से बगावत करते हुए निर्दलिय भरे नामांकन पत्र पर चुनाव लडऩे की ठान ली। राठौड़ ने अपने-आप को प्रधान पद के दावेदार मानते हुए एवं भाजपा के सात विजेता प्रत्याशी अपने कब्जे में होने का दावा करते हुए कांग्रेस से समर्थन मांगा। जिस पर कांग्रेस के नवनिर्वाचित पांच पंचायत समिति सदस्यों ने राठौड़ को समर्थन देने पर सहमती जताई। दोपहर सवा तीन बजे के करिबन सबसे पहले भाजपा के पंचायत समिति के प्रत्याशियों की एक कार पंचायत समिति परिसर में पहुची तो राजनिती के जानकारो को अंदाज लग गया कि भाजपा में फुट का असर दिखाई दिया। वही करिबन चार बजे तीन गाडियों में काग्रेस व भाजपा के पंचायत समिति सदस्य पहुचे उससे साफ हो गया कि राजनिती की खिचड़ी कुछ अलग ही पक गई है। निर्वाचन अधिकारी (उपखण्ड अधिकारी) सुशल कुमार ने नवनिर्वाचित प्रधान अरविंदसिंह राठौड़ को पंचायत समिति सभागार में प्रधान पद की शपथ दिलाई।

प्रधान पद के लिए बना त्रिकोणीय मुकाबला
राजसमंद पंचायत समिति में हुए प्रधान पद के लिए हुए चुनाव में नामांकन के दौरान मुकाबला त्रिकोणीय माना गया। भाजपा की ओर से बसंत कुंवर भाटी को प्रत्याशी बनाया गया जबकि कांग्रेस की ओर से नारायणलाल गुर्जर को प्रत्याशी बनाया गया। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अरविंद सिंह राठौड़ भी मैदान में डटे रहने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार नारायणलाल गुर्जर ने भी मतदान से पहले निर्दलिय उम्मीदवार अरविंदसिंह को अपना समर्थन दे दिया। यहां पर भाजपा के पास 12 एवं कांग्रेस के पास 5 निर्वाचित सदस्य थे। हालांकि भाजपा दो धड़े में बटने से निर्दलिय उम्मीदवार भाजपा के सात एवं कांग्रेस के पांच नव निर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों के समर्थन से अरविंदसिंह प्रधान पद पर विजय रहें।

भाजपा पदाधिकारियों ने की नारेबाजी
पंचायत समिति राजसमंद के बाहर मौजूद भाजपा पदाधिकारियों ने प्रधान पद के लिए हुए मतदान में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ एवं निर्दलिय उममीदवार के समर्थन में कांग्रेस सदस्यों के साथ मतदान करने पहुंचे नवनिर्वाचित भाजपा समर्थीत पंचायत समिति के सदस्यों के खिलाफ पार्टी से बगावत करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। इधर, विश्वसनिय सुत्रों से ज्ञात हुआ कि भाजपा के आला नेताओं ने राजसमंद पंचायत समिति में दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी के समर्थक माने जाने वाले भाजपा मण्डल अध्यक्ष दिग्विजयसिंह भाटी की पत्नि बसंत कुंवर भाटी को भाजपा की ओर से अधिकृत प्रत्याश बनाना मात्र एक ओपचारिकता की गई थी। क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि किरण माहेश्वरी के गुट के जाने वाले भाटी प्रधान पद पर पहुंचे। इसलिए यह शडयंत्र रचा गया कि कांग्रेस का समर्थन मांगकर भाजपा के जिते हुए प्रत्याशी को निर्दलिय उम्मीवार के पक्ष में वोट देकर उसे प्रधान बनाया जाए। जिसके चलते किरण माहेश्वरी के करीबी माने जाने वाले दिग्विजयसिंह भाटी की पत्नि बसंत कुंवर को अधिकृत प्रत्याशी बनाने के बाद भी भाटी प्रधान की दौड़ से दूर हो जाए।

कार्यकर्ताओं ने खड़ा किया हंगामा
राजसमंद पंचायत समिति में गुरुवार को हुए प्रधान के मतदान के दौरान बाहर खड़े कार्यकर्ताओं में मतदान के लिए आने वाले सदस्यों के वाहनों के प्रवेश को लेकर बहस हो गई। इसी बीच दोनों पक्षों में तीखी तकरार होने पर मामला बिगड़ता देख तैनात पुलिस दल ने कार्यकर्ताओं को वहां से हटाने का प्रयास किया गया। लेकिन कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी के साथ जोर जबरदस्ती करते हुए वाहनों को वहां से हटाने का प्रयास किया। इस पर पुलिस बल एवं कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की हो गई। मौके पर मौजूद एसपी भुवन भुषण यादव, राजनगर थानाधिकारी प्रवीण टांक, कांकरोली योगन्द्र व्यास एवं पुलिस ने लाठी चार्ज करते हुए खदेड़ा तो कार्यकर्ताओं में भगदड़ मच गई और मौके से कई कार्यकर्ता भाग खड़े हुए। इस पर कुछ आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर विरोध जताया। थोड़ी देर बार पुन: सामान्य हुए।
ये रहे मौजूद : भाजपा जिला कोषाध्यक्ष मानसिंह बारहठ, मण्डल अध्यक्ष गणेश पालीवाल, दिग्विजयसिंह भाटी, मुकेश जोशी, भाजयुमो जिलाध्यक्ष जगदीश पालीवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश पालीवाल, पूर्व उपप्रधान सुरेश जोशी, दिनेश बड़ाला, भैरूलाल जोशी, भैरूलाल कुमावत भाणा, अरविंदसिंह भाटी, संपतनाथ चौहान, नर्बदाशंकर पालीवाल, कांग्रेस की ओर से पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह भाटी, ब्लॉक अध्यक्ष शांतीलाल कोठारी, दिग्विजयसिंह राठौड़, नेताप्रतिपक्ष अशोक टांक, खुमसिंह मुंदावत, सरपंच नोकलाल कुमावत, ललित श्रीमाली, युवानेता विक्रमसिंह भाटी, मुकेश भार्गव, दिनेश टांक, धर्मेश टांक, हरजेन्द्रसिंह चौधरी, पार्षद हेमंत रजक, नारायणलाल सुथार, मुकेश नायक, आनंदसिंह चौहान सहित कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

नवसृजित देलवाड़ा पंचायत समिति से कसनी बनी पहली प्रधान
देलवाड़ा। नवसृजित देलवाड़ा पंचायत समिति में घोड़च पंचायत के वार्ड तीन से 1241 मतों से विजयी होकर पंसस बनी 22 वर्षीय कसनी गमेती को गुरुवार को हुए प्रधान के चुनाव में 15 में से 11 मत प्राप्त हुए। इसमें से दस मत कांगे्रस से व एक मत निर्दलीय का प्राप्त हुआ। जबकि भाजपा की लीला को कुल चार मत ही मिले। इस जीत के साथ ही कसनी ने नवसृजित देलवाड़ा पंचायत समिति की पहली महिला प्रधान का खिताब भी अपने नाम कर लिया है। स्नातक तक पढ़ी किसनी के पिता फतेहलाल गमेती पुराने कांगे्रस कार्यकर्ता है व राशन डीलर भी है। किसानी ने पंसस एवं प्रधान के चुनाव से पहले कोई चुनाव नहीं लड़ा है। प्रधान के चुनाव को लेकर स्थानीय तहसील में सुबह से ही नाथद्वारा सीआई पूरणसिंह, देलवाड़ा थानाधिकारी नवल किशोर चौधरी सहित पुलिस बल तैनात रहा। सभी 15 पंचायत समिति के सदस्यों ने अपरान्ह 3 से 5 बजे तक मतदान किया। शाम को मतगणना के बाद कसनी को प्रधान के लिए विजेता घोषित करते हुए शपथ दिलाई गई। इसके बाद तहसील कार्यालय से बाहर आते ही समर्थनों ने नारेबाजी प्रारंभ कर दी। देलवाड़ा नगर अध्यक्ष संपतलाल पालीवाल के सान्निध्य में कार्यकर्ताओं ने नव निर्वाचित प्रधान का फूल मालाओं से स्वागत किया। इस अवसर पर कई कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित थे।
आमेट में अणछी बाई निर्विरोध निर्वाचित
आमेट पंचायत समिति में प्रधान पद पर अणछी बाई गुर्जर को भाजपा प्रत्याशी के रूप में निर्विरोध निर्वाचित किया गया। नवनिर्वाचित प्रधान को उपखण्ड अधिकारी विनीत कुमार सुखाडिय़ा ने शपथ दिलाई। आमेट पंचायत समिति में लगातार छटी बार भाजपा ने अपना बोर्ड बनाने में सफलता हासिल की है। एसडीएम कार्यालय से बाहर आते ही कार्यकर्ताओं ने नवनिर्वाचित प्रधान का फूल मालाओं से स्वागत किया। प्रधान अणछी बाई गुर्जर प्रधान बनने से पूर्व वर्ष 2010 से 2015 तक ग्राम पंचायत सियाणा सरपंच पद पर निर्वाचित हुई थी। सरपंच पति हजारीलाल गुर्जर ग्राम पंचायत सियाणा के सरपंच पद पर लगातार 10 साल से काबिज है। पूरा परिवार शुरू से ही राजनैतिक दबदबा लिए भाजपा संगठनों के साथ में जुड़ा है तथा भाजपा जिला कार्यकारिणी एवं ग्रामीण मंडल के पदाधिकारियों के पद पर काबिज रहे है।
फोटो राज पीएच 12 व 13
राजसमंद। देलवाड़ा में प्रधान विजेता घोषित होने के बाद आभार व्यक्त करती नवनिर्वाचित प्रधान एवं खमनोर में नवनिर्वाचित प्रधान का स्वागत करत ग्रामीण।