
जिले की आठ पंचायत समितियों में निर्वाचित हुए प्रधान
चार पंचायत समितियों में कांग्रेस एवं चार में भाजपा का कब्जा
राजसमंद पंचायत समिति में कांग्रेस ने लगाई सेंध
राजसमंद, चेतना भाट। पंचायत आम चुनाव 2020 के अन्तर्गत जिला प्रमुख एवं आठ पंचायत समितियों में प्रधान पदों का चुनाव गुरूवार को सम्पन्न हुआ। जिल के प्रथम नागरिक के रूप पहचाने जाने वाले जिला प्रमुख के पद का निर्वाचन गुरूवार को हुआ। जिला प्रमुख के पद पर भाजपा ने अपना कब्जा कायम रखते हुए रतनीदेवी जाट को जिले की दूसरी महिला जिला प्रमुख बनाया है। इससे पूर्व बसंता रावत भी महिला जिला प्रमुख रह चुकी है। जिला प्रमुख पद के लिए ऑबीसी वर्ग की महिला के लिए आरक्षीत सीट पर आमेट-कुंभलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के जिला परिषद के वार्ड 13 से विजय हुई भाजपा प्रत्याशी रतनी देवी जाट जिला प्रमुख के पद पर निर्वाचन पद्धति से विजय हुई। इधर, राजसमंद पंचायत समिति में कांग्रेस के समर्थन से अरविंदसिंह, रेलमगरा में कांग्रेस के आदित्य प्रतापसिंह चौहान, खमनोर में कांग्रेस के भैरूलाल विरवाल, देलवाड़ा में कांग्रेस की कसनी गमेती, आमेट में भाजपा की निर्विरोध अणछीबाई गुर्जर, कुंभलगढ़ में भाजपा की कमलाबाई दसाणा, देवगढ़ में भाजपा कल्पना कुंवर, भीम में प्रधान के पद पर भाजपा के विरम निर्वाचित हुए है। भाजपा ने पांच एवं कांग्रेस पार्टी ने तीन पंचायत समितियों में स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया था। जबकि जिला प्रमुख सहित चार पंचायत समितियों में भाजपा ने अपना कब्जा बरकरार रखा। तो राजसमंद पंचायत समिति में भाजपा की आपसी फूट का फायदा उठाते हुए कांग्रेस के समर्थन से भाजपा के टिकिट पर जीतकर आए अरविंदसिंह राठौड़ को प्रधान बनाने में सफल रहें। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने तीन पंचायत समिति जीतने के बावजूद भी चार पंचायत समितियों में कब्जा जमाया। जिला प्रमुख पद के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरूवार सुबह दस बजे जिला परिषद के सभागार में शुरू हुई। जहां जिला निर्वाचन अधिकारी (जिला कलक्टर) अरविंद कुमार पोसवाल, अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी (अतिरिक्त जिला कलक्टर) राकेश कुमार, मंदिर मण्डल सीओ जितेन्द्र कुमार ओझा की मौजूदगी में उम्मीवारों ने नामांकन भरने की प्रक्रिया सम्पन्न हुई। जिसमें भाजपा की ओर से जिला परिषद के वार्ड 13 से विजय हुई भाजपा प्रत्याशी रतनी देवी जाट, कांग्रेस की ओर से जिला परिषद के वार्ड 5 से विजय हुई कांग्रेस प्रत्याशी सुरजदेवी गुर्जर एवं निर्दलिय प्रत्याशी के रूप में जिला परिषद के वार्ड संख्या 16 से विजय हुई कांग्रेस प्रत्याशी अंजू कुंवर लखावत ने नामांकन दाखिल किया। नामांकन की जांच के बाद नामांकन वापसी का समय एक बजे था। तय समय से पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी सुरजदेवी गुर्जर ने अपना नामांकन उठा लिया। उसके बाद भाजपा प्रत्याशी रतनी देवी जाट एवं निर्दलिय प्रत्याशी अंजू कुंवर लखावत के बिच मुकाबला हुआ। जिसमें भाजपा प्रत्याशी रतनीदेवी जाट को 17 एवं निर्दलिय प्रत्याशी अंजू कुंवर लखावत को 8 मत मिले। मतगणना में भाजपा की रतनी देवी जाट सात मतों से विजेता बनी। नव निर्वाचित जिला प्रमुख रतनदेवी जाट को जिला निर्वाचन अधिकारी (जिला कलक्टर) अरविंद कुमार पोसवाल ने निर्वाचन पत्र सांैप कर जिला प्रमुख पद की एवं गोपनियता की शपथ दिलाई। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर, महेशप्रताप सिंह लखावत, किशन गाडरी, भगवतसिंह गुर्जर, पुष्कर श्रीमाली, संदीप पालीवाल के अलावा भाजपा की ओर से भाजपा जिलाध्यक्ष विरेन्द्र पुरोहित, महामंत्री सुनील जोशी, महेन्द्रसिंह चौहान, संगीता कुंवर चौहान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अशोक रांका, मधुप्रकाश लढ्ढा सहित भाजपा एवं कांग्रेस के कई कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद थे।

बाड़ाबंदी में मतदान करने पहुंचे प्रत्याशी
जिला प्रमुख पद के लिए गुरूवार को हुए चुनाव में भाजपा एवं कांग्रेस प्रत्याशी अलग-अलग गाडिय़ों में सवार होकर बाड़ाबंदी में मतदान करने पहुंचे। कांग्रेस के जिते हुए आठों ही प्रत्याशी जिला परिषद के सभागार में बनाए गए मतदान केन्द्र पर मौजूद रहें। जबकि भाजपा के 17 विजेता प्रत्याशी आध दर्जन से अधिक कारों में सवार होकर भाजपा पदाधिकारियों के कड़ी सुरक्षा में मतदान करने पहुंचे। सबसे पहले भीम पूर्व प्रधान एवं नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्य नरेन्द्र बागड़ी के साथ चार सदस्य मतदान करने पहुंचे। करीब चार बजे दूसरे फेरे में भाजपा के अन्य प्रत्याशी मतदान करने पहुंचे। भाजपा व कांग्रेस के विजेता उम्मीदवार मतगणना के दौरान जिला परिषद के सभागार में ही मौजूद रहें। मतगणना के तुरंत बाद कांग्रेस प्रत्याशी एवं निर्दलिय प्रत्याशी के रूप में जिला परिषद के वार्ड संख्या 16 से विजय हुई कांग्रेस प्रत्याशी अंजू कुंवर लखावत के साथ आठों ही सदस्य बाहर आए। वहां से सभी को गाडिय़ों में बिठाकर ले जाया गया। वहीं भाजपा प्रत्याशी सहित जिला परिषद के 17 सदस्य नवनिर्वाचित जिला प्रमुख रतनीदेवी जाट के साथ बाहर आए। उसके बाद उन्हें भाजपा के बड़े पदाधिकारियों के साथ पुन: बाड़ा बंदी कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
