राजसमंद, चेतना भाट। राज्य स्तर से मंगलवार को प्राप्त कोरोना सैम्पल की जांच रिपोर्ट में जिले से 8 नए व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए। जिनमें राजसमंद ब्लॉक से 5, आमेट ब्लॉक से 2 एवं नाथद्वारा शहर से एक व्यक्ति पॉजिटिव आए है। सभी को स्थिति के अनुसार घर पर तथा संस्थागत आइसोलेशन में रखा गया है तथा पोजिटिव के संपर्क में आने वाले लोगों के सैम्पल लेने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। सीएमएचओ डॉ. जेपी बुनकर ने बताया कि प्राप्त रिपोर्ट में राजसमंद शहर से 42 वर्षीय युवक, 38 वर्षीय युवक, 36 वर्षीय युवक, 22 वर्षीय युवती, 20 वर्षीय किशोरी, आमेट के सरदारगढ़ से 37 वर्षीय पुरुष, आमेट शहर से 58 वर्षिय महिला, नाथद्वारा शहर से 48 वर्षीय पुरूष की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
कोरोना के प्रति जन जागरूकता फैलाएंगे जनप्रतिनिधि
राजसमंद। समीपवर्ती खटामला ग्राम पंचायत परिसर में मंगलवार को आयोजित बैठक में विकास के कार्यों के विभिन्न प्रस्ताव लिए गए। ग्राम विकास अधिकारी दिनेश पुरी गोस्वामी ने बताया कि सरपंच हिम्मतसिंह चुण्डावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ग्राम पंचायत क्षैत्र में कोरोना जनजागृति अभियान चलाने, ग्रामीणों को हाथ धुलाई का महत्व बताने, ग्राम पंचायत क्षैत्र के विभिन्न गांवों में सडक़ निर्माण, नाली निर्माण, पर्यावरण को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक स्थानो पर पौधा रोपण सहित कई विकास के कार्यों के प्रस्ताव लिए गए। इस अवसर पर उपसरपंच शिवसिंह, कैलाश कुमावत, नाथुलाल गुर्जर, महिपाल सहित ग्रामीण व जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
महामारी के नाम पर अभिव्यक्ति का गला घोंट रही है गहलोत सरकार : माहेश्वरी
राजसमंद। विधायक किरण माहेश्वरी ने सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध एवं पूर्वानुमति की अधिसूचना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि गहलोत सरकार महामारी अधिनियम का उपयोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने में कर रही है। सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं अन्य आयोजनों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से पूर्वानुमति का प्रावधान जनता का कष्ट बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी, 100 व्यक्तियों की अधिकतम संख्या, मास्क का उपयोग करना आदि निर्देश वर्तमान परिस्थितियों में आवश्यक है। किन्तु आयोजनों के लिए जिला कलक्टर की पूर्वानुमति की कोई आवश्यकता नहीं है। दस हजार रुपए की शास्ति भी अधिक है। जिला कलक्टर अनावश्यक एवं असंबद्ध शर्ते लगा कर अनुमति नहीं देते है अथवा विलम्ब करते है। नौकरशाही पर अत्याधिक निर्भरता लोकतंत्र के लिए घातक है।