मेनार : नारायणी देवी क्षेत्र में अच्छी बारिश की कामना के लिए 3 मण बनाई घुघरी, जानिए क्या है परम्परा

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मेनार से सुरेश मेनारिया की रिपोर्ट

वल्लभनगर। क्षेत्र के बर्ड विलेज मेनार में रुंडेड़ा, वाना, मेनार, बरोडिया के सीमा पर स्थित मेनार गाँव की कुल देवी एवं आस्था का केंद्र नारायणी देवी माता मंदिर प्रांगण में रविवार को ग्रामीणों ने करीब 3 मण (एक क्विंटल) घुघरी बनाई। इस घुघरी का श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। ग्रामवासियों के अनुसार मेनार में नारायणी देवी की स्थापना गाँव की स्थापना के समय 600 पूर्व हुई थी तब से क्षेत्रवासियों का यह धार्मिक स्थल आस्था का केंद्र है। जब क्षेत्र में कई दिनों तक बारिश नहीं होती है और फसले सूखने के कगार पर हो जाती हैं तब नारायणी देवी के यहाँ घुघरी बनाकर वितरण की जाती है। हालांकि इस बार क्षेत्र में अच्छी बारिश हो चुकी है लेकिन हर वर्ष की परंपरा को स्थाई रखने के लिए रविवार को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सभी लोग नारायणी देवी क्षेत्र में अच्छी बारिश की कामना को लेकर पहुँचे और नारायणी देवी की पूजा अर्चना कर आरती उतारी। माताजी को विशेष श्रृंगार धराया गया और करीब 3 मण (एक क्विंटल के करीब) गेंहू, चने की घुघरी बनाई गयी जो बिना छोंक (बिना बगारे) की होती है।पकाने के बाद उसमें ऊपर से लाल मिर्च, हल्दी, नमक मिलाया जाता है, जो सभी भक्तों में वितरण की। मान्यता है कि मेनार में इस धार्मिक स्थल पर करीब 600 वर्षों से हर वर्ष क्षेत्र में अच्छी बारिश की कामना को लेकर घुघरी बनाई जाती है और वितरित होती है। वितरित होने के बाद जब ग्रामीण घर आना शुरू होते है तभी ही इंद्र देव मेहरबान हो जाते है यानी ग्रामीणों का घर जाने शुरू होते ही बारिश शुरू हो जाती है। घुघरी वितरण के दौरान ही ग्रामीण बारिश भीग जाते है और बिना भीगे कभी घर नहीं आये है इस देवी की यही बात निराली है।

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