राजसमंद, चेतना भाट। मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री सुशील बड़ाला के नेतृत्व में अशोक रांका, सुनील जोशी, महेन्द्र सिंह चौहान, महेंद्र कोठारी (विकास), नानालाल सिंधल, सुभाष पालीवाल सहित पदाधिकारियों ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल के राजसमंद आगमन पर मुलाकात कर मार्बल पर लगेने वाले जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग को लेकर मांग पत्र सौंपा। महामंत्री ने मार्बल पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत के बाद आई मंदी से अवगत कराते हुए बताया कि मार्बल व ग्रेनाईट पर जीएसटी में 5 प्रतिशत दर ही थी तब मण्डी से प्रतिदिन 300 से 350 गाडी लोड़ होती थी। जब से दर 18 प्रतिशत की है तब से मार्बल उद्योग धीरे-धीरे कम होता चला गया है। वर्तमान में मात्र 40 से 50 गाडी ही लोड़ हो रही है। ऐसी परिस्थिति में मार्बल व्यवसाइयों का पलायन शुरू होने के साथ ही हजारों मजदुरों को रोजगार का सकंट हो गया है। कोरोना महामारी के कारण बाहर से व्यापारियों का आना भी बहुत कम हो गया है ऐसे में मार्बल व्यवसाय में भारी मंदी के चलते व्यवसायीयों की हालत बहुत खराब हो गयी है। इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र पुरोहित के नेतृत्व में भाजपा व मार्बल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मिलकर मार्बल उद्योग पर जीएसटी दर कम करने की मांग को लेका ज्ञापन सौंपा। मीडिया प्रवक्ता अरविंद सिंह भाटी ने बताया कि भाजपा पदाधिकारियों व मार्बल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय मंत्री से मिल कर जीएसटी दर जो 18 प्रतिशत है उसको 5 प्रतिशत तक कम करने का आग्रह किया।
प्रभावित हो सकती है जांच, तत्काल हटाया जाए थानाधिकारी को
-भीमसेना पदाधिकारियों ने पुलिस प्रशासन से की मांग
राजसमंद, चेतना भाट। दलित युवकों से पुलिस मारपीट को लेकर आमेट थानाधिकारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज होने के बाद जांच प्रभावित होने की आशंका व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय भीम सेना ने आमेट थानाधिकारी को तत्काल पद से हटाने की मांग की है। भीमसेना जिलाध्यक्ष लालूराम बैरवा, प्रदेश महासचिव प्यारेलाल बैरवा, जिला प्रभारी शांतिलाल गूंदलिया, कुंवारिया तहसील अध्यक्ष भैरूलाल सालवी आदि ने बताया कि गत दिनों आमेट क्षेत्र के वेवर महादेव चौराहे पर मोटरसाइकिल पर जाते दो दलित युवकों को पुलिस ने रोका एवं चालान बनाने की कार्रवाई की जबकि उक्त युवकों ने मास्क पहन रखे थे वहीं उनके पास वाहन के दस्तावेज भी मौजूद थे। चालान बनाने का कारण पूछने पर हैड कांस्टेबल व अन्य पुलिसकर्मियों ने उनसे मारपीट की एवं बाद में थाने ले जाकर पुन: मारपीट की गई और स्वयं थानाधिकारी की मौजूदगी में यह घटना हुई लेकिन उन्होंने पुलिसकर्मियों को नहीं रोका जो उनके अमानवीय रवैये एवं संवेदनहीनता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि उक्त घटना को लेकर न्यायालय के आदेश पर हाल ही थानाधिकारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आमेट थाने में मामला दर्ज हुआ है जिसकी जांच एसी-एसटी सेल के पुलिस उप अधीक्षक कर रहे है। पदाधिकारियों ने बताया कि मामले में आरोपी हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल स्तर के कार्मिकों को तो लाइन हाजिर कर दिया गया लेकिन थानाधिकारी खटीक अब भी बतौर आमेट थानाधिकारी पदस्थ है। ऐसे में आरोपी थानाधिकारी के उसी थाने में पदस्थ रहने से मामले की जांच प्रभावित होने की पूर्ण सम्भावना है जिससे प्रकरण कमजोर होने की भी आशंका बनी रहेगी। ऐसे में पीडि़तों को न्याय मिलने को लेकर सवाल भी पैदा हो गया है। उन्होंने प्रकरण की निष्पक्ष जांच व अग्रिम कार्रवाई कर पीडि़तों को न्याय दिलाने एवं आरोपियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई कराने की मांग उठाते हुए कहा कि जांच प्रभावित होने से रोकने के लिए थानाधिकारी को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाए। निष्पक्ष जांच एवं दोषी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध ठोस कार्रवाई एवं जांच प्रक्रिया निष्पक्ष रूप रखके लिए थानाधिकारी को शीघ्र लाइन हाजिर करने अथवा अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की है। साथ ही कहा कि मांग नहीं मानने पर जिले के दलित एवं आदिवासी संगठन आंदोलन पर मजबूर होंगे।