बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को अवसर देना स्थानीय संवेदकों के हितों पर कुठाराघात

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जल जीवन मिशन में नई निविदा प्रक्रिया के विरोध में सौंपे ज्ञापन

राजसमंद, चेतना भाट ।  जल जीवन मिशन के कार्यों की निविदा व्यवस्था में नया नियम लागू कर स्थानीय संवेदकों (ठेकेदारों) को दरकिनार करते हुए बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लाभ पहुंचाए जाने के विरोध में ठेकेदार एसोसिएशन जलदाय विभाग ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को ज्ञापन भेजते हुए नया नियम तत्काल रद्द कर हाल ही जारी निविदा प्रक्रिया रोकने की मांग की। एसोसिएशन अध्यक्ष भगवत सिंह चौहान गुड़ला के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे ठेकेदारों ने जिला कलक्टर अरविंद कुमार को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा कि पेयजल से वंचित प्रत्येक परिवार को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के साझे में उक्त मिशन युद्ध स्तर पर जारी है। ज्ञापन में बताया कि योजना को शीघ्र मूर्त रूप देने के लिए सरकार संभागवार निविदाएं आमंत्रित कर रही है जिसमें वित्तीय सीमा क्षेत्रवार 500करोड़ से 1500 करोड़ रूपए रखी है जिसमें विशेष अनुभवी होते हुए भी प्रदेश का एक भी संवेदक भाग नहीं ले सकेगा। आरोप लगाया कि सरकार प्रदेश के संवेदकों का हक छीनकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लाभ पहुंचाने में जुटी है जो दुर्भाग्यपूर्ण एवं स्थानीय संवेदकों के हितों पर कुठाराघात है। ज्ञापन में यह भी बताया कि केन्द्रीयकृत बड़ी कपनी द्वारा कार्य कराने से करीब पांच हजार संवेदकों का रोजगार छिन जाएगा वहीं प्रत्यक्ष 20 हजार एवं अप्रत्यक्ष10 हजार रोजगार प्रभावित होंगे जिनसे करीब 15 लाख परिवार जुड़े है। साथ ही उक्त कपनियों द्वारा निर्माण सामग्रीए श्रमिक आदि अन्य राज्यों से जुटाने पर सरकार को राजस्व का नुकसान होगा। अप्रत्यक्ष अन्य कई दुष्परिणाम भी होंगे जिसका खामियाजा सरकार के साथ स्थानीय क्षेत्र को भुगतना पड़ेगा। इस अवसर पर प्रतिनिधि मण्डल एसोसिएशन अध्यक्ष भगवतसिंह चौहान, भवानीसिंह चौहान, शिवराजसिंह सोलंकी, गजेन्द्रसिंह सिसोदिया, रूपलाल पालीवाल, जवाहरलाल चौधरी, बाबूलाल लौहार, नारूलाल गुर्जर आदि शामिल थे।

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