
विधिक जागरूकता शिविर में दी बाल अधिकारों की जानकारी
राजसमंद, चेतना भाट। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पूर्वकालिक सचिव नरेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राजकीय बाल संप्रेषण गृह देवथड़ी एवं मां पन्नाधाय बालिका गृह में विधिक जागरूकता प्रतियोगिता के विजेताओं का सम्मान समारोह एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में 16 से 18 आयु वर्ग में कहानी लेखन में संगीता खरवड़ प्रथम, प्रभुलाल मीणा द्वितीय, स्लोगन लेखन में भावना रेबारी प्रथम, संगीता खरवड़ द्वितीय, कविता लेखन में संगीता खरवड़ प्रथूम, मोहम्मद साहिल द्वितीय स्थान पर रहे। वहीं 11 से 15 वर्ष के आयु वर्ग में कविता लेखन में पानी गमेती प्रथम, ममता योगी द्वितीय, कहानी लेखन में डाली गमेती प्रथम, मूली गमेती द्वितीय, स्लोगन में पुष्पा भील प्रथम, मूली गमेती द्वितीस स्थान पर रहे। प्राधिकरण सचिव नरेन्द्र कुमार ने प्रतियोगिता के सभी विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इसी के साथ आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में प्राधिकरण सचिव कुमार ने बालकों को संविधान द्वारा प्रदत मूल अधिकारों, विभिन्न कानून यथा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2000, शिशु संरक्षण अधिकार अधिनियम, 2005, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम 2012 के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12(सी) के अंतर्गत एक बालक जिसे मुकदमा दायर अथवा प्रतिरक्षा करना है, विधिक सेवाओं का हकदार है। इस अवसर पर प्राधिकरण के हेमन्त पालीवाल, यशोदानंदन गौतम, किशोर गृह प्रभारी विकास विजयवर्गीय, बालिका गृह प्रभारी सरोज उपाध्याय आदि उपस्थित थे।