
राजसमंद, चेतना भाट। अखिल राजस्थान पुजारी महासंघ के आह्वान पर गत दिनों प्रदेशभर के सभी जिलों में पुजारी महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के नाम जिला कलेक्टर को एक ही दिन व एक ही समय में ज्ञापन सौंपे गए। परन्तु मुख्यमंत्री व अध्यक्ष विधानसभा की ओर से अभी तक पुजारी महासंघ की मांगों पर गौर नहीं किया गया और नहीं वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया। पुजारियों पर आए दिन जो अत्याचार हो रहे है उसका कारण तत्कालिन सरकार द्वारा राजस्व विभाग से पास किया 13 दिसम्बर 1991 का काला आदेश है जिसकी वजह से राजस्थान में मंदिर के साथ जुड़ी कृषि भूमि के राजस्व रिकॉर्ड से मंदिर के पुजारियों के नामो को हटा दिया। पुजारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष बलवन्त वैष्णव के आव्हान पर पुन: मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों की तहसील शाखाओं द्वारा मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष के नाम तत्कालिन सरकार की ओर से पास किए गए इस काले कानून को विड्रॉ करने व गृहस्थ किसान पुजारी को मंदिर के साथ जुड़ी कृषि भूमि पर पूर्ण खातेदारी अधिकार देने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया। इस दौरान प्रहलाद वैष्णव, नंदकिशोर वैष्णव, हरिदास, जगदीश वैष्णव, रामचंद्र, वैष्णव, नरोत्तम वैष्णव, तीर्थराज वैष्णव, हरीश वैष्णव सहित अन्य समाज बंधु उपस्थित थे।
पुजारी महासंघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
अखिल राजस्थान पुजारी महासंघ तहसील शाखा कुंवारियां के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से राजस्थान में पुजारी के साथ हो रहे अत्याचार व 13/12/1991 के आदेश को विड्रॉ करने व डोली भूमि पर खातेदारी अधिकार पुजारी को प्रदान करने कि मांग की गई। इस दौरान जिलाध्यक्ष लक्ष्मण दास वैष्णव, तहसील अध्यक्ष पप्पुदास वैष्णव, उपाध्यक्ष गोवर्धन दास, श्यामदास, बंशीदास, रामदास, भेरूदास, शान्तिदास, प्रकाशदास, राधेश्याम दास, लेहरूदास वैष्णव, बाबू दास, जगदीश दास, शंभूदास, राजूदास, पवन दास, मनोहर दास, विकी दास, सतीश दास, देवी दास, शंकरदास, सुरेश दास, सुनील दास, जानकी दास, दिनेश दास, कन्हैयादास, भेरू दास, विकास दास सहित अनैक समाजजन उपस्थित थे।
