राजसमंद, चेतना भाट। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार व राज्य पशुपालन निदेशालय द्वारा जारी निर्देशानुसार आगामी समय में पाला व शीतलहर से बचाव की आवश्यक तैयारियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। जारी परिपत्र के अनुसार पशु रोग प्रकोप की सूचना प्राप्त होने की स्थिति में प्रभावित क्षेत्र में रोग सर्वेक्षण निदान उपचार एवं नियंत्रण की कार्यवाही संपादित करवाए जाने के लिए समस्त उत्तरदायित्व संबंधित जिला संयुक्त निदेशक या उपनिदेशक पशुपालन विभाग कुचामन सिटी रहेगा। जिला स्तरीय मोबाइल इकाइयों के माध्यम से संस्था विहीन एवं दूरस्थ ग्राम पंचायतों में संभावित पशु रोगों से बचाव के लिए आवश्यक टीकाकरण एवं उपचार कार्य संपादित कराए जाएंगे। जिले में कार्यरत चल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से सामान्य रोग सर्वेक्षण, रोग विशिष्ट सर्वेक्षण, अंत: परजीवी रोग सर्वेक्षण तथा आउटब्रेक की स्थिति में रोग निदान के लिए जांच नमूने एकत्रण का कार्य संपादित किया जाएगा। इसके लिए संबंधित नियंत्रण अधिकारी, अतिरिक्त निदेशक क्षेत्र, जिला संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग या उपनिदेशक कुचामन सिटी प्रयोगशाला में पदस्थापित अधिकारियों एवं तकनीकी स्टॉफ को मोबाइल टीम के साथ संबंध करना सुनिश्चित करेंगे। रोग सर्वेक्षण एवं निदान कार्यों को गति प्रदान करने के लिए जिला स्तर पर कार्य योजना चिन्हित कर तदनुसार कार्यवाही संपादित की जाएगी। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 33 ए के तहत राष्ट्रीय अभ्यारण्यों की सीमाओं के 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाले समस्त पशुधन को संक्रामक रोगों से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक टीकाकरण समय पर किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों से सहयोग लिया जाएगा।