पाखण्ड में कीमती सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर जमाया कब्जा

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राजसमंद। पाखण्ड में सरकारी भूमि पर व्याप्त अतिक्रमण को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए ग्रामीण।

ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
चेतना भाट, राजसमंद/नाथद्वारा। नाथद्वारा तहसील अन्तर्गत पाखण्ड ग्रामवासियों ने बुधवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर पाखण्ड ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बेशकीमती सरकारी आबादी भूमि पर गैर कानूनी तरीके से व्याप्त अतिक्रमण व अवैध कब्जा ध्वस्त कराकर भूमि को ग्राम पंचायत के अधीन एवं सुरक्षित कराने की मांग की है। पाखण्ड निवासी वीरेन्द्रसिंह चुण्डावत सहित ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल को ज्ञापन सौंपा एवं मौखिक रूप से भी स्थिति से अवगत कराते हुए जनहित में बेशकीमती सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि पाखण्ड ग्राम में आकोदड़ा मार्ग पर रामावि के सामने ग्राम पंचायत के अधीन करीब दो बीघा भूमि है जो पूर्व में बिलानाम किस्म थी। जिसे वर्ष 2013 में ग्राम पंचायत ने जनहित में सार्वजनिक उपयोग में लेने के उद्देश्य से आबादी में रूपांतरित कर आबादी विस्तार के लिए आरक्षित किया था। पंचायत के अधीन एवं राज्य सरकार के स्वामित्व की उक्त भूमि पर गांव के ही मनोहर सिंह पुत्र हिम्मतसिंह ने अतिक्रमण एवं कब्जा कर चार दीवारी निर्माण करा लिया जो नियम विरूद्ध होकर राज्य हित के खिलाफ है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2013 में तत्कालीन महिला सरपंच भंवर कुंवर पत्नी नाहरसिंह के कार्यकाल में खसरा नम्बर 4140/3309 एवं 4143/3307 की सरकारी भूमि को आबादी विस्तार में लेकर आरक्षित किया था। लेकिन इस भूमि का जनहित में उपयोग होने के विपरित गैर कानूनी ढंग से अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया गया है। बताया कि वर्ष 2013 में तत्कालीन सरपंच भंवर कुंवर पत्नी नाहर सिंह के कार्यकाल में इस भूमि आबादी विस्तार में लेने के तुरन्त बाद ही सरपंच पति नाहरसिंह के भाई मनोहरसिंह निवासी पाखण्ड ने अतिक्रमण कर लिया एवं भूमि को पूरी तरह कब्जे में लेने के लिए बाउण्ड्रीवॉल बनाकर दरवाजा लगा दिया एवं वर्तमान में निजी उपयोग किया जा रहा है। जबकि यह भूमि पंचायत ने ग्राम हित व राजकीय उपयोग के लिए आरक्षित की थी।
ग्रामीणों ने सरपंच पति पर लगाया मिलीभगत का आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह भूमि पर अवैध कब्जा तत्कालीन सरपंच पति नाहरसिंह की मिलीभगत एवं प्रश्रय के चलते उनके भाई मनोहर सिंह ने कर लिया। जिससे साफ है कि उस भूमि को अवैध ढंग से हथियाने के लिए सुनियोजित ढंग से आबादी में रूपांतरण की थी। यह भी बताया कि उक्त अवैध कब्जा करने के समय सरपंच पद पर भंवर कुंवर पत्नी नाहरसिंह आसीन थी तथा वर्तमान में भी वे ही सरपंच है। सरपंच पद पर भंवर कुंवर के आसीन होने व सरपंच पति द्वारा अपने भाई को संरक्षण दिए जाने के कारण पंचायत ने अवैध कब्जे के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों ने बताया कि यह भूमि मुख्य मार्ग पर एवं उपयुक्त स्थान पर होने से बेशकीमती है तथा यही कारण है कि उक्त भूमि अनुचित तरीके से हथियाने का भरसक प्रयास हो रहा है। ज्ञापन में मांग की है कि भूमि पर व्याप्त अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण ध्वस्त कर पंचायत के अधीन व सुरक्षित कराया जाए ताकि भविष्य में इसका ग्राम हित में उपयोग हो सके। पूरी स्थिति जानने के बाद जिला कलक्टर ने उचित कार्रवाई करने का विश्वास दिलाया।

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