पटरी पर लौटती “लाइफ लाइन” : भारतीय रेल

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केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई नवीनतम अनलॉक-4 गाइडलाइन्स के अनुसरण में सरकारी नियन्त्रण वाली परिवहन की इकाई “ भारतीय रेल” ने भी इस दिशा में अगुवाई करना शुरु कर दिया है। देश में आवागमन का प्रमुख साधन मानी जाने वाली रेल हर वर्ग की पहली पसन्द है और क्यों न हो जब यह सुगम, सस्ता,आरामदायक और सुरक्षित परिवहन मुहैया जो कराती है।

ज्ञातव्य है कि कोरोना संक्रमण काल के चलते देश में घोषित लॉकडाउन के दौरान रेल के चक्के को भी थमना पडा। ऐसा रेल इतिहास में यह पहली बार हुआ। इतिहास साक्षी है कि चाहे भीष्णतम आपदा रही हो, आपातकाल हो अथवा युध्दकाल…. परिस्थितियां कैसी भी विषम क्यों न रही हो किन्तु रेल नहीं रुकी;
तभी यह कहावत ही चल पडी कि – “रेल का पहिया कभी नहीं रुकता”.

12 सितम्बर 2020 से शुरु होने वाली अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों की समय सारिणी इस तरह है :-
(Time Table Attached)

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये उपायात्मक प्रयासों के चलते घोषित देशव्यापी लॉकडाउन ने असमंजस्यवश स्थितिजन्य पलायन को मुखर कर दिया। अपने घरों की ओर लौटते, भय और विवशता में दुखी प्रवासी श्रमिकों के पलायन के मद्देनजर उन्हें फेसीलिटेड करने में “श्रमिक स्पेशल ट्रेनों” के संचालन का निर्णय मरहम लेकर आया और फिर, आगे आवश्यकता और मांग को देखते हुए फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिये एक कदम और बढाते हुए रेलवे ने 200+ स्पेशल ट्रेनों के संचालन का फैसला लिया। यह सभी स्पेशल ट्रेन देश में महत्वपूर्ण शहरों के अधिसूचित रेलवे स्टेशनों के बीच तय टाइम-टेबल के अनुसार वर्तमान में संचालित की जा रही हैं।

इसी क्रम में रेलवे ने केन्द्र सरकार और राज्यों के साथ समन्वय स्थापित रखते हुए लोगों को आवागमन मुहैया कराने की दिशा में 40 जोडी अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों के संचालन का निर्णय लिया है। इन ट्रेनों का संचालन 12 सितम्बर 2020 से शुरु होगा और सभी ट्रेन आरक्षित दर्जे वाली हैं। इन ट्रेनों में रिजर्वेशन 10 सितम्बर से प्राम्भ होगा।

निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार अधिसूचित शहरों के रेलवे स्टेशनों के बीच अप-डाउन मिलाकर 80 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जायेगा। यह स्पेशल ट्रेन पहले से चलाई जा रही “श्रमिक स्पेशल ट्रेन” और “230 स्पेशल ट्रेन” के अतिरिक्त चलाई जा रही हैं। इन ट्रेनों के संचालन के साथ ही कोरोना काल में चलने वाली स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढकर 310 हो जाएंगी।

( नरेन्द्र कुमार : लेखक पेशे से Lawyer और रेलवे मामलों के जानकार हैं

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