राजसमंद, चेतना भाट। पुष्टिमर्गिय तृतीय पीठ प्रन्यास द्वारकाधीश मंदिर में गुरुवार को प्रबोधनी एकादशी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मंगला के दर्शन में द्वारकाधीश को 2 जोड़ी के विशेष श्रंृगार धराय गए। इसके बाद श्रीनगार के दर्शन में राजकुमार गोस्वामी वेदांत कुमार द्वारा ठाकुरजी के सम्मुख निज तिवारी में बनाए गए मंडप में देव उठाने की परंपरा का निर्वहन किया गया। जहां शालिग्रामजी का पंचामृत स्नान करवाया गया। इसके बाद ठाकुरजी को विशेष भोग लगाने के बाद रतन चौक में गोस्वामी वेदांत कुमार प्रभु द्वारा ठाकुरजी के सम्मुख बड़े दीपका का प्रज्वलन किया। इसी के साथ ठाकुर जी की शीतकालीन सेवा आने का क्रम आरंभ हुआ। जिसमें सर्वप्रथम ठाकुरजी के सम्मुख सिगड़ी की सेवा के साथ ही मौजा जी गदल धराना भी आरंभ हो गया। भोज में प्रभु को गन्ने का रस और गुड विशेष तौर पर अरोगाना। शाम को जनाना चौक में तुलसाजी व शालिग्राम जी का विवाह सम्पन्न हुआ। मंदिर में आयोजित सभी मनोरथ आमश्रद्धालूओं के लिए बंद रहे।
बंद हुए शयन के दर्शन
गुरुवार से शयन के दर्शन भी इस वर्ष अंतिम बार आम श्रद्धालुओं को हुए और बंद हो गए अब यह दर्शन पुन: बसंत पंचमी को आम श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। गौरतलब है कि शीतकाल में प्रभु के शयन के दर्शन 4 माह के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाते हैं और वापस यह दर्शन बसंत पंचमी को खुलते हैं।