The udaipur updates :
हमारी विशेष सीरिज तीर निशाने पर में हम किस्सागोई की बातें करेंगे तो व्यंग बाण से सबको गुदगुदाने, हंसाने की कोशिश करेंगे। हमारा मकसद किसी का दिल दुखाना नहीं बल्कि जो जनमानस का लब्बोलुबाब है उसी को उसी के तरीके से पेश करना है। शब्दों में मसाला भले हमारा होगा मगर उसकी तासीर उसकी खूश्बू आपके क्षे़त्र, गांव, नगर, कस्बे और जिले की होगी। हम बात सीधे-सीधे नहीं कहकर इसको प्रतिकों के माध्यम से कहने की कोशिश करेंगे। पाठक समझ नहीं पाए तो आसपास के लोगों के मन को ठंठोले, कहीं ना कहीं वहीं बातें होगी जो आपके आसपास घूमती रहती है। आज तीर निशाने में मावली के युवा पत्रकार ओम पुरोहित की कलम से….
मित्रो
आज कोविड-9 के संक्रमण से मैं स्वस्थ हो गया। लगभग सवा दो महीने की गंभीर अस्वस्थता के चलते अब स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार है। चिकित्सकों के निर्देशों का पूर्ण पालन कर रहा हूं़….
मित्रो ने ………………….जैसे ही सोश्यल मीडिया पर पोस्ट देखी मेवाड़ के मोदीजी पर भड़ास निकालने लगे। मित्र-मित्र ना रहे। सीधे व्यंग बाण की बारिश करने लगे। सक्रीन शोट चल पड़ा मार्किट में। अरे चल क्या यूं बोलो दौड़ पड़ा। इधर-उधर से महाशय मेवाड़ के मोदीजी के ही एक शुभचिंतक ने मुझे भेजा। इस सक्रीन शोट को मोबाइल में समेटकर ही मैं निकल पड़ा गांव और आसपास के क्षेत्रों में। बाइक जहां-जहां भी धूमी वहां एक बात ही सुनाई दी। एक जगह आग लग रही थी और कुछ बुजुर्ग तप ताप रहे थे बोले अरे ओमा-गोमा “कोरोना भी चुनाव का हाथे वरागिया दिखे।” मैंने सब कुछ जानते हुए भी पूछा क्या बात है तो बोले “चुनाव खत्म वेगियों अबे तो मोदीजी म्हाका क्षेत्र में दीकी के नी।” सुबह शादी में सरीक होने के फोटूंओ ने भी खूब आग लगाई। आग लगे इस फेसबुक को। वाकई जनता भी दो मुंह की धंबाई है। बेचारे महाशय इतने दिन फोटो नहीं डाल रहे थे तो सबको सोश्यल मीडिया में देखने की बेसब्री थी आज जैसे ही फोटो डाले और स्क्रीन शोट के साथ लपेटने लगे। मेवाड़ के मोदीजी का दोष भी कहा है यार वैसे भी। वो बीमार थे तो उसकी थोड़ी जिम्मेदारी है हार-जीत की। वो तो उनकी महानता है कि बीमारी में फ्रेस काॅन्फ्रेस करने आ गए मावली। मतलब उन्होंने पार्टी को जीताने की पूरी कोशिश की। अब जनता ने ही वोट नहीं दिए तो उनकी क्या गलती है। और गलती तो उनकी ये भी नहीं है कि चुनाव खत्म होते ही उनका कोरोना खत्म हो गया। अब शादी में जाकर कोई फोटो अपलोड करे तो विपक्ष को तो मिर्ची लगनी ही है। ये सब विपक्ष का प्रापेगेंडा है।
