
राजसमंद, चेतना भाट। आस्था संस्थान एवं द हंगर प्रोजेक्ट भारत के संयुक्त तत्वाधान में महिला जनप्रतिनिधियों की दो दिवसीय गैर आवासीय आवश्यकता आधारित कार्यशाला का आयोजन कोठारिया पंचायत भवन में किया गया। कार्यशाला में 8 पंचायतों से 19 महिला जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिनको कोविड-19 महामारी के बारे में बताया गया। कार्यशाला में कोविड-19 की सुरक्षा के साथ मास्क का उपयोग सैनिटाइजर सामाजिक दूरी की पालना की गई। कार्यशाला के पहले दिन जीडीपी के बारे में समझ बनाई गई की जीडीपी क्या है उसे बनाने के विभिन्न चरण क्या है? ग्राम पंचायत विकास योजना में ग्राम सभा वार्ड सभा महिला सभा के महत्व व योजना के प्रचार प्रसार के मुख्य बातों को प्रोजेक्टर के माध्यम से व पोस्टर फ्लेक्स के माध्यम से बताया गया। इसके साथ फिल्म हिवड़े बाजार दिखा कर आदर्श गांव के बारे में सभी ने एक समझ बनाई। सभी को जीडीपी विषय को लेकर बनाई बुकलेट प्रदान की गई। कार्यशाला में महिला जनप्रतिनिधियों ने अपनी अपनी पंचायत के विकास योजनाओं के बारे में संक्षिप्त चर्चा की एवं उनकी प्रक्रिया को समझा। कार्यशाला में द हंगर प्रोजेक्ट कार्यक्रम समन्वयक वीरेंदर श्रीमाली ने पंचायत बजट एवं आय के स्रोत बारे में चर्चा की। जिसमें पंचायत के आय के स्रोत क्या क्या है उन निजी आय कैसे आती है और विभिन्न आय से किस प्रकार के कार्य करवाए जा सकते हैं उसके बारे में जानकारी दी गई। कोठारिया पंचायत के सहायक कार्मिक द्वारा बजट कैसे बनता है जेंडर बजट क्या होता है बजट का विभाजन कैसे होता है इस पर जानकारी दी एवं बजट के तकनीकी शब्दों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में संदर्भ व्यक्ति भवानी शंकर पालीवाल, वीणा माली, प्रीति श्रीमाली ने विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्रदान की।