कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वालों दिए प्रशंसा पत्र

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राजसमंद। खमनोर पंचायत समिति में आयोजित कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिक को प्रशंसा पत्र भेंट करते प्राधिकरण सचिव नरेन्द्र कुमार।

विधिक जागरूता शिविर में दी विधिक जानकारी
राजसमंद, चेतना भाट। जिला विधि सेवा प्राधिकारण पूर्वकालिक सचिव नरेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में प्राधिकरण की ओर से खमनोर पंचायत समिति में आयोजित किए गए म्हारी योजना म्हारो अधिकार के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वयं सेवकों, कार्यकर्ताओं एवं कार्मिकों को प्रशंसा पत्र भेंट किए गए। साथ ही विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने उपस्थित सभी वोलियंटर्स एवं कार्यकर्ताओ को प्राधिकारण की कार्य प्रणाली के साथ ही राजस्थान पीडि़त प्रतिकर स्कीम 2011, आश्रितों के पुनर्वास हेतु धारा 357 क दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 एवं राजस्थान सरकार द्वारा लागू की गई इस स्कीम के अन्तर्गत ‘‘पीडि़त प्रतिकर निधि’’ की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर प्राधिकरण सहायक प्रशासनिक अधिकारी नरेश ओझा, गौरव पुरोहित, यशोदानंदन गौतम, नरेश जीनगर आदि उपस्थित थे।

बालिका गृह का किया निरीक्षण


जिला विधि सेवा प्राधिकारण पूर्वकालिक सचिव नरेन्द्र कुमार ने आसरा विकास संस्थान बालिका गृह का निरीक्षण कर वहां निवासरत बालिकाओं को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने गृह का निरीक्षण करते हुए अध्ययनरत एवं निवासरत बालिकाओं की संख्या, स्वास्थ्य सेवाएं, भोजन एवं नाश्ता व्यवस्था, सफाई व्यवस्था का आदि का जायजा लेकर आवश्क दिशा निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन तथा प्रोटोकोल का पालन करने के लिए भी निर्देशित करते हुए गृह में मास्क, सेनेटाईजर, हाईपोक्लोराइट आदि सामग्री के समय-समय पर उपयोग करने के लिए कहा।

कोलकाता वाले बंगले में विराजे द्वारकाधीश


राजसमंद, चेतना भाट। पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास द्वारकाधीश मंदिर में दीपोत्सव के तहत आयोजित हो रहे मनोरथ के क्रम में बुधवार को प्रभुश्री द्वारकाधीश को कोलकाता वाले कांच के बंगले में बिराजित किया गया। इससे पूर्व श्रंगार में तृतीय पीठाधीश्वर गोस्वामी बृजेश कुमार महाराज के द्वारा प्रभु द्वारकाधीश को श्री मस्तक पर पीली जरी की छज्जे दार पाग, पीली जरी का चाकदार वागा, वैसी सूथन, श्याम कटी का पटका, माणिक के आभरण, श्याम ठाड़े वस्त्र, माला और फोनदा का श्रीनगार धराया गया। इसके बाद उथापन के दर्शन से प्रभुश्री द्वारकाधीश को कोलकाता वाले कांच के बंगले में बिराजित किया गया।

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