कांग्रेस पदाधिकारियों सहित भीम विधायक के तूफानी दौरे

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भाजपा नेताओं के ताकत झोंकने से पंचायत चुनाव हुआ रोमांचक
राजसमंद, चेतना भाट। जिले में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के लिए हो रहे पंचायत चुनाव बेहद रोमांचक मुकाबले पर पहुंच गया है। मतदाताओं की खामोशी क्या गुल खिलाएगी यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे लेकिन यह तय है कि परिणाम चौकाने वाले होंगे। हालांकि कांग्रेस व भाजपा के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा करते हुए जिला परिषद में जिला प्रमुख एवं जिले की आठ पंचायत समितियों में उनकी पार्टी का प्रधान बनने दावा कर रहे हैं। दोनों ओर से पंचायत चुनाव प्रतिष्ठा बन गया है, हालांकि कांग्रेस के पास खोने को कुछ भी नहीं है क्यों कि फिलहाल जिला प्रमुख व जिले की सात पंचायत समितियों में भाजपा का कब्जा है। जिसे बरकरार रखने के लिए भाजपा एड़ी से चोटी तक का जार लगा रही है। वहीं भाजपा के गढ़ को ढहाने के लिए कांग्रेस भी मैदान में बराबर की टक्कर में है। पहले चरण के लिए भीम-देवगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में 23 नवम्बर को मतदान होना है। जिसके चलते शनिवार सायं पांच बजे के बाद वहां पर प्रचार-प्रसार का दौर थम गया है। जन सभा नहीं होकर केवल डोर टू डोर जनसंपर्क ही होगा। भीम-देवगढ़ पंचायत समिति के सदस्यों के लिए 23 नवम्बर को मतदान होगा। वहां पर कांग्रेस में पूर्व गृहराज्य मंत्री डॉ लक्ष्मणसिंह रावत विधानसभा क्षेत्र की हर पंचायत में नुक्कड़ सभाएं कर विकास के नाम पर कड़ी से कड़ी जोडऩे के लिए वोट मांग रहे हैं वहीं साथ में उनके सुपुत्र युवा विधायक सुदर्शन्सिंह रावत भी मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। चुनाव की कमान संभाल रहे विधायक सुदर्शनसिंह रावत पूरे आत्मविश्वास के साथ कह रहे हैं कि क्षेत्र की दोनों पंचायत समितियों में विकास के बलबूते पर प्रधान कांग्रेस का बनेगा। वहीं उधर, भाजपा में सासंद दिया कुमारी, पूर्व विधायक हरिसिंह रावत के साथ विधानसभा चुनाव में निर्दलिय उम्मीदवार रहे अजय सोनी के चुनाव प्रचार में आ जाने से यह चुनाव जो पहले कांग्रेस की ओर एक तरफा माना जा रहा था अब टक्कर में आ गया है। भाजपा के पदाधिकारी भी भीम व देवगढ़ में पहले की तरह इस बार भी भाजपा का प्रधान बनने का दावा कर रहे हैं। जहां वे क्षेत्र की सभी पंचायतों में दौरा कर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
हवा का रुख किसकी तरफ बहता है, मतदान में दिखेगा
दोनों पार्टियों के नेताओं ने चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है, मात्र एक दिन बचा है मंगलवार को तो मतदान होना है। पिछले एक सप्ताह में जबसे विधायक सुदर्शनसिंह रावत ने क्षेत्र का दौरा करना शुरू किया माहौल कांग्रेस के पक्ष में एक तरफा नजर आने लगा था। लेकिन पिछले दो दिनों में हवा का रुख बदला है, बात टक्कर तक पहुँच गई है। अब यह हवा का रुख किसकी तरफ बहता है मतदान के दिन पता चलेगा। दोनों ही दलों की नुक्कड़ सभाओं में भीड़ नजर आ रही है मगर यह भीड़ मतदान के रूप में किस ओर परिवर्तित होगी कहना मुश्किल है। हमनें पहले भी देखा है जब जब भी चुनावों में मतदाताओं की खामोशी दिखाई देती है तब तब चुनाव परिणाम चोंकाने वाले होते हैं, कहीं इस बार भी ऐसा तो नहीं।

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