सुनील पण्डित की खास रिपोर्ट
उदयपुर। कंगना अपने भाई अक्षत की शादी में खूब इंजॉय करती नजर आई। गुरुवार को सुबह अक्षत और ऋतु वैवाहिक बंधन में बंधे। कंगना ने सोश्यल मीडिया पर फोटो अपलोड कर ऋतु का घर के नए सदस्य के रूप में स्वागत किया। हिमाचल की परंपरा के अनुसार रंगोली ने दुल्हन को चांदी की पायजेब पहनाई। जबकि कंगना शादी के मौके पर 14 महीने में तैयार किया गया लहंगा पहना। शादी हिन्दू रीति-रिवाज से सम्पन्न हुई। हमारी टीम ने इस शादी को सम्पन्न करवाने वाले आचार्य अलकेश कुमार पण्ड्या व उपाचार्य रवि सुखवाल से बात की। उनके अलावा 3 अन्य पण्डित भी साथ थे।
रवि सुखवाल ने बताया कि कंगना के परिवार वाकई में जमीन से जुड़ा है, इतना कि हम खुद कंगना के फैन हो गए। मैंने पूछा रवि भाई वो कैसे तो बोल पढ़े भाई बड़े-बड़े घरानों में हम अब तक शादी करवाने जाते है। जैसे ही बड़े घरानों के टेग लगते है परिवार के लोग जमीन पर पैर तक नहीं रखते। एटीट्यूड में रहते है मगर मगर कंगना का परिवार सीधे सादे लोग है। फिर रवि कहता है कि भाई अक्सर बड़ी शादियों में जल्दबाजी बहुत करने लगे है लोग पर कंगना के परिवार ने और खासकर दूल्हा दुल्हन ने ढाई घण्टे तक खुद को दृढ़ संकल्प के साथ हर रस्म को बड़ी आस्था के साथ निभाई। ये बड़ी बात है कि दूल्हा मंत्रोच्चार में भी बिल्कुल वैसे ही करता रहा जैसे हम बोलते रहे। मेवाड़ में शादी से पहले गणपति की पूजा होती है जबकि हिमाचल में कुछ अलग तरह की मगर कंगना ने साफ कहा कि हम यहां आए है तो यहां की परंपरा को फॉलो करेंगे। फिर गणपति की पूजा हुई और ये सिलसिला चलता रहा।

अम्बिका मंदिर में परिवार ने मांगी कंगना के लिए मन्नत
रवि सुखवाल का कहना है कि वो जगत के अम्बिका माता मंदिर में भी साथ ही गए। वहां माता की विधिवत पूजा अर्चना हुई, वो मातारानी को अपनी कुलदेवी मानते है। यहां पर कंगना के माता-पिता ने कंगना के लिए अच्छे वर की प्राप्ति के लिए कामना की। परिवार के लोगों ने ये भी कहा कि कंगना की शादी भी जल्द हो जाये ताकि फिर लेकसिटी आना पड़े।

नोट : आप जगत के अम्बिका माता मंदिर की यूनिक स्टोरी का वीडियो देखना चाहते है तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और पूरा वीडियो देखें।