ईडाणा माता अग्नि स्नान के इस वीडियो को 66 हजार भक्तों ने सराहा

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उदयपुर। अग्नि स्नान के नाम से प्रसिद्ध मेवल की महारानी ईडाणा माता के इस इस वीडियो ने अब तक 66 हजार लोगों का दिल जीता। The Udaipur Updates टीम द्वारा बनाए गए मातारानी के मनोहारी वीडियो को ईडाणा माता Idana Mata Trust की ओर से भी शानदार योगदान मिला। इस वीडियो की शानदार पिक्चराइजेशन और एडिटिंग योगश सुखवाल ने की। इसके अलावा टीम के एडिटर सुनील पंडित ने एंकर की भूमिका निभाई। इस वीडियो के अनुसार मंदिर से जुड़े हुए दशरथ दमामी का कहना है कि ये माता की लीला है, ये लीला बरसों से चली आ रही है। जब माता का अग्नि स्नान होता है तो अचानक चिंगारी गिरती है, चारों तरह आग ही आग हो जाती है। पुजारी सज्जन दास वैष्णव की तरफ इशारा करते हुए दमामी कहते है कि फिर पुजारी माता के गहने वगैरा उतराते है और चारों तरफ आग की लपटें करीब 5 किमी तक उठती है। इस दरमियान जिस जिस को भी माता के इस स्वरूप की सूचना मिलती है लोग यहां आते है। लेकिन अच्छी बात ये है कि ये सूचना जब तक बड़े स्तर पर फैलती तब तक आग शीतल हो चुकी होती है। दशरथ दमामी कहते है कि ये तो ठिक है वरना यहां भगदड़ मच जाती है। पुजारी सज्जन सिंह कहते है कि यहां निर्माण करना भी चाहा तो कोई कर नहीं पाया। मतलब माता का आदेश है कि वो ऐसे ही खुले में रहना पसंद करती है।

जयसमंद झील से पहले बिराजमान है ईडाणा


यज्ञशाला में हवन की आहुतियां देते हुए पंडित कृष्ण वल्लभ चैबीसा कहते है कि प्रमाण तो नहीं है लेकिन यहां माता जयसमंद झील के निर्माण से पहले ही बिराजमान है। राज सिंह जी के सुपुत्र जय सिंह जी ने जयसमंद झील का निर्माण करवाने से पूर्व यहां माता से अर्जी लगाई थी। ताकि उनका काम निर्विघ्न संपन्न्ा हो सके। गांव के ठाकुर साहब पृथ्वी सिंह जी का कहना है कि हमारे एक टीपने में हमारे समाज के लोग यहां 400 वर्ष पूर्व आए थे। उससे भी पूर्व माता रानी यहां बिराजमान है। सबसे बड़ी बात ये है कि यहां कोई भी प्रसाद वगैरा को घर पर लेकर नहीं जाता है। बल्कि जो होता है वो यहां वितरित करता है। मंदिर के एक और कर्मचारी हरि सिंह का कहना है कि यहां के अध्यक्ष लवदेव सिंह जी के नेतृत्व में मंदिर का सारा काम होता है। कोरोना के चलते भी मंदिर में गाइड लाइन की पालना की जा रही है।

ईडाणा माता कैसे जाए


ईडाणा माता के दर्शन करने के लिए सबसे बेस्ट रास्ता जो है वो उदयपुर की तरफ से है। ये देबारी से बंबोरा की तरफ कुराबड़ होकर जाता है। देबारी घाटा वाली माता के छोड़े से आगे देबारी से बंबोरा जाने का मार्ग हिंदुस्तान जिंक के सामने से होकर जाता है। इसके अलावा सलूंबर, जयसमंद की तरफ से भी यहां आया जा सकता है। इस वीडियो ईडाणा माता के फेसबुक पेज पर 62 हजार जबकि हमारे यूट्यूब चैनल पर 4 हजार लोगों ने देखा।
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