इस बार की नवरात्रि माता को समर्पित, अगली आने तक करेंगे कोरोना का नाश

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राजसमंद। कसार में खेड़ा देवी माताजी मंदिर में घट स्थापना के साथ ही नो दिवसीय दुर्गा सप्तशती पाठ का वाचन करते वेदपाठी ब्राह्मण पंडित।

राजसमंद, चेतना भाट। शायद जीवन की ये पहली नवरात्रि होगी जिसमें हम नजारें कुछ अलग देख रहे है। खैर कोई बात नहीं इस बार की नवरात्रि माता को समर्पित है। अगर इस बार हमने सरकार की गाइड लाइन का उपयोग किया तो निश्चित ही हम अगली नवरात्रि आने तक कोरोना का नाश कर चुके है। हमारी आस्था सोचती है कि रक्तबीज बन चुके कोरोना के लिए कभी तो माता खप्पर धारण करेंगे। कभी तो उसके बूंद बूंद को काली बनकर चट करेगी और फिर चोरों तरफ फिर से माहौल गुलजार होगा। वाकई होगा, धैर्य धारण करें। ये समय है कट जाएगा। निकल जाएगा ये भी ठीक वैसे ही जैसे अब तक की महामारी से हमारी मानव जाति ने विजयी हासिल की है। तो चलिए आप सभी के उत्तम स्वास्थ्य की कामना के साथ आप सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए लिखते है आज की पहली खबर।

कोरोना काल के कारण सदगी से मंदिरों में हुई घटस्थापना

जिला मुख्यालय के आवरीमाता, राठासेण माता, पुराने किले स्थिल अन्नपूर्णा माता, मालीवाड़ा, भोईवाड़ा के चावण्डा माताजी, नो चौकी अम्बामाता, गेवर माता, संतोषी माता, महालक्ष्मी मंदिर, धूंधलाज माता सहित जिले में रेलमगरा के सांसेरा स्थित जलदेवी माता, विकावास माता, दोवड़ा माता, करणी माता, खेड़ादेवी सहित जिलेभर में मातारानी के दरबार सहित देवालयों को रंग रोगान कर आकर्षक रगं-बिरगी फर्रिया, लाईटिंग व विद्युत सज्जा से सजा गया है। जिला मुख्यालय स्थित आवरा माता मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना की गई। इसी के साथ माताजी की आरती उतारने के साथ की प्रतिमा को आकर्षक रूप से फुल मालाओं से श्रृंगारित किया गया। इसी के साथ कांकरोली पुराना बस स्टेण्ड पर स्थित राठासेन माताजी मंदिर में भी अनुष्ठान के साथ घट स्थापना कर माताजी की प्रतिमा का श्रृंगारित किया गया। इसी के साथ जिले भर में कोरोना काल को लेकर जारी राज्य सरकार की गाईड लाईन की पालना के साथ शक्ति पीठों पर घट स्थापना की गई। वहीं नो दिनों तक अनुष्ठान किए जाएंगे। हालांकि शक्तिपीठों पर आयोजित होने वाले अनुष्ठानों के लिए राज्य सरकार द्वारा गाईड लाईन जारी की गई है। लेकिन किसी भी शक्ति पीठ के अलावा शहर भर में कोई भी गरबा नृत्य या अन्य कार्यक्रम जिसमें लोग सामुहिक रूप से एकत्रित हो सके ऐसे आयोजनों को लेकर पाबंद लगाई गई है।

घरों में ही घट स्थापित कर किए अनुष्ठान

नवरात्रि पर होने वाले आयोजनों व कार्यक्रम को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी की गई गाईड लाईन को लेकर जिला मुख्यालय सहित जिले भर के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोगों ने घर पर ही घट स्थापना कर माताजी की आरती के साथ नो दिवसीय अनुष्ठान प्रारंभ कर ज्वारा बोए गए। इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने घट स्थापना के लिए बाजार से कलश व पूजा सामग्री की खरीदारी की। नो दिवसीय अनुष्ठातों के बाद नवरात्रि के समापन के दौरान ज्वरा विसर्जन किया जाएगा। शक्तपीठों सहित घरों में स्थापित किए गए घट के साथ नो दिनों तक माताराणी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाएगी।

नियमित चलेगा दुर्गासप्तमी पाठ

शनिवार को अभिजीत शुभ मुहूर्त में चारभुजा के समीपवर्ती कसार ग्राम स्थित खेड़ा देवी माताजी मंदिर में पंडित उमेश द्विवेदी, भरत पानेरी व प्रशांत व्यास के सान्निध्य में विधिवत रूप से घट स्थापना की। इससे पूर्व माताजी की प्रतिमा को विधिवत स्नान के बाद वस्त्र, फुलों आदि से आकर्षक श्रृंगार धराया गया। उसके बाद मां की आरती उतारी गई। इसी के साथ वेदपाठी ब्राह्मण पंडितों द्वारा दुर्गा सप्तशती पाठ का वाचन प्रारंभ कर दिया गया गया जो दिन भर चलता रहा। दुर्गा सप्तशती पाठ लगातार दो दिनों तक चलेगा। इसी के साथ क्षेत्र के प्रत्येक घर में भी नवरात्रि के तहत घट स्थापना कर अखण्ड दीप प्रज्जवलित किए गए है। दुर्गा अष्टमी पर मां भगवती के  हवन यज्ञ के साथ आहुतियां दी जाएगी। वहीं चारभुजा स्थित राठौड़ वाटिका में पंडित भरत पानेरी, प्रवेश दवे, गौरव दवे के सान्निध्य में यजमान समाजसेवी बाबूलाल राठौड़ द्वारा मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर संकल्प दिलवाते हुए नो दिवसीय दुर्गा पाठ का आयोजन प्रारंभ किया। अष्टमी को हवन यज्ञ किया जाएगा तथा रात्रि में गरबा नृत्य का आयोजन भी किया जाएगा।

सुने पड़े गरबा पाण्डाल हर वर्ष नवरात्रि स्थापना के साथ ही शहर भर में गली मोहल्लों सहित कई चौराहों व वाटिकाओं में एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गरबा नृत्य के गानों की गूंज के साथ ही विशाल गरबा नृत्य का आयोजन किया जाता है। लेकिन कोविड-19 के फैलते संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष जिला मुख्यालय सहित जिले भर में गराबा महोत्सव का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके कारण शहर के द्वारकेश वाटिका, बालकृष्ण स्टेडियम, मुखर्जी चौराहा, आसोटिया, जलचक्की जैसे प्रमुख स्थानों पर होने वाले डांडिया महोत्सव प्रांगण इस बार सुने दिखाई पड़ रहे है। वहीं अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रो में गरबा महोत्सव की रंगत ठंडी दिखाई दे रही है। डांडिया नृत्य के शौकिन युवा वर्ग पर इस बार कोराना ने डांडिया खेलने के उत्साह पर पाबंद लगाते हुए मास्क लगा दिया है।

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