अखिल राजस्थान पूजारी महासंघ ने की पुजारियों के हितों की मांग

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  • – 20 को राज्य व जिला स्तर तथा 27 को तहसील स्तर से सौंपा जाएगा ज्ञापन
  • राजसमंद, चेतना भाट। अखिल राजस्थान पूजारी महासंघ की ओर से पूजारियों पर हो रहे अत्याचारों, पूजारियों के खिलाफ बनाए गए काले कानून के आदेश को विड्रॉ किए जाने तथा पूजारियों को मंदिर के साथ जुड़ी कृषि भूमि पर खातेदारी के अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर आगामी 20 अक्टूबर को राज्य एवं जिला स्तर पर एवं 27 अक्टूबर तहसील स्तर पर को सीएम अशोक गहलोत के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। महासंघ प्रदेशध्यक्ष बलवंत वैष्णव ने बताया कि मंदिर पूजारियों को कई सैकड़ों वर्षों पूर्व मंदिर की सेवा करने की एवज में राजा महाराजाओं द्वारा कृषि भूमियां दान स्वरूप दी गई थी जो कि बंजर व अनउपजाऊ जमीने थी। जिसे पूजारियों के पूर्वजों ने अपने खून पसीने से सिंचकर उपजाऊ बनाया और देश आजाद होने पर बने जागीरदार पुनग्र्रहण अधिनियम, राजस्थानी काश्तकारी अधिनियम सहित कई कानूनों के प्रभाव में आने के अलावा उन कानूनों में भूमि के लिए गलत व्याख्या किए जाने से पूजारियों को जमीन पर खातेदारी अधिकार नहीं देकर राजस्व रिकॉर्ड में संरक्षक के तौर पर नाम दर्ज कर लिया। जबकि इसी प्रकार की जमीने अन्य जातियो जैसे नाइयों, कुम्हारों, धोबियों को भी राजा महाराजाओं से दान स्वरूप मिली थी। उन्हें तो सेटलमेंट के समय खातेदारी अधिकार प्रदान कर दिए थे। इतना ही नहीं सन 1991 में तत्कालीन भैरों सिंह शेखावत की सरकार ने एक ऐसा काला कानून आदेश पारित कर पुजारियों के नाम राजस्व रिकॉर्ड से हटा दिए जिसकी वजह से गांव के दबंगई व भू-माफियाओं ने जबरन लोगों की जमीनों पर कब्जा करने व डरा धमका कर जमीन से बेदखल करने के लिए अत्याचार करने लगे और आए दिन ऐसी घटनाएं पूजारियोंं पर होने लगी। अभी वर्तमान में करौली पुजारी हत्या कांड भी इसी का एक जीता जागता उदाहरण है।

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