उदयपुर। अमूमन अंडकोष विकार की स्थिति में व्यक्ति अपनी बीमारी को छिपाने की कोशिश करता है। कई बार डाॅक्टर से परामर्श लेने और जांच करवाने में भी संकोच करता है। जिससे तकलीफ बढ़ जाती है और खर्चा दुगुना हो जाता है। ऐसे में अंडकोष के विकारों में अल्ट्रा सोनाग्राफी कम खर्च का आसान तरीका है। जिससे रोगी के पैसे और समय दोनों बच जाते है।
ये बात उदयपुर चेप्टर ऑफ रेडियोलॉजी (यूकोर) की ओर से शुक्रवार को आयोजित हुई ऑनलाइन वेबिनार में रेडियोलॉजी विशेषज्ञ डॉक्टर सुभाष टेलर ने कहीं।
यूकोर के डॉक्टर आनंद गुप्ता ने बताया कि अल्ट्रा सोनोग्राफी इन सिस्टिक लीजिन ऑफ स्क्रोटम विषय पर हुई वेबिनार में यूकोर से जुड़े 50 कंसलटेंसी मेंबर और करीब 35 स्टूडेंट मेंबर्स ने भाग लिया। इसमें संभागियों को अंडकोष में आने वाले विकारों का पता लगाने के लिए अल्ट्रा सोनोग्राफी के बारे में विस्तृत जानकारियां दी।
वेबिनार में ये भी बताया कि रोगी में कैसे पता लगाया जा सकता है कि उसके अंडकोष में गांठ है या कैंसर का प्रभाव बनने लगा है।
वेबिनार की कॉर्डिनेटर डॉक्टर नेहा दुबे शर्मा ने बताया कि रात 8 बजे शुरू हुए ऑनलाइन कार्यक्रम में अंडकोष के विकारों, अल्ट्रा सोनोग्राफी करने के तरीके और बरती जाने वाली सावधानियों पर विशेषज्ञ डाॅक्टर सुभाष टेलर ने अपने अनुभव साझा किए।
यूकोर के डॉक्टर कुशाल गहलोत ने बताया कि उदयपुर चेप्टर आॅफ रेडियोलाॅजी का उद्देश्य वैज्ञानिक कार्यों को प्रोत्साहित करने के अलावा उदयपुर शहर और दक्षिणी राजस्थान के निकटवर्ती क्षेत्रों में आईआरआईए और संबद्ध विशेषज्ञ के सदस्यों के बीच बातचीत को बढ़ावा देना है। यह रेडियोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसमें समर्पित अकादमिक रेडियोलॉजिस्ट युवा और आने वाले रेडियोलॉजिस्टों को रेडियोलाॅजी को लेकर सिखाया जाता है और समय-समय पर मार्गदर्शित किया जाता है। अंत में वेबीनार के माध्यम से आमजन से ये अपील कि गई कि अंडकोष में कोई भी समस्या आने पर संकोच न करें और डाॅक्टर से परामर्श लें। समय पर अंडकोष की जांच अल्ट्रा सोनाग्राफी के जरिए करने से कम खर्च में समस्या का आसानी से पता लगाया जा सकता है।